नई दिल्ली। संसद का शीलकालीन सत्र 16 नवंबर से 16 दिसंबर तक चलेगा। संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने यह निर्णय लिया। इस सत्र में सर्जिकल स्ट्राइक पर घमासान मचने के आसार है। विपक्ष पहले से ही केंद्र को घेर रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि संसद के दोनों सत्रों में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर हंगामा हो सकता है। parliament
शीतकालीन सत्र का आयोजन सामान्य तौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे हफ्ते से किया जाता है लेकिन इस साल सरकार ने पहले ही करने का निर्णय लिया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा कि शीतकालीन सत्र को पहले बुलाने से केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक और समेकित जीएसटी विधेयक को भी दिसंबर के पहले हफ्ते तक पारित कराने में मदद मिलेगी। सरकार चाहती है कि विधायी कार्यो से जुड़े कागजी कार्य पूरे कर लिए जाएं।
विधेयक होंगे पारित
सूत्र ने कहा कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह भी तय किया गया कि जीएसटी के अलावा कम से कम 12-14 महत्वपूर्ण विधेयक को पारित कराने के लिए आगे बढ़ाया जाए। सरकार यह भी विचार कर रही है कि बजट सत्र भी एक माह पहले शुरू हो जाए ताकि अगले वर्ष से यह जनवरी से शुरू हो सके। संसद के मानसून सत्र में दोनों सदनों से कई विधेयक पारित हुए थे।
सत्र का आयोजन सामान्य तौर पर नवंबर के तीसरे या चौथे हफ्ते से किया जाता है लेकिन इस साल सरकार ने पहले ही करने का निर्णय लिया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा कि शीतकालीन सत्र को पहले बुलाने से केंद्रीय वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) विधेयक और समेकित जीएसटी विधेयक को भी दिसंबर के पहले हफ्ते तक पारित कराने में मदद मिलेगी।
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