सरहद पार के कलाकारों और उनके चाहने वालों के लिए अब एक अच्छी खबर सामने आ रही है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबन्ध बढ़ाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
साल 2016 में जब देश में उरी हमला हुआ था तो पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था। इससे पहले नुसरत फतेह अली खान से लेकर फवाद खान और माहिरा खान तक बेशुमार पाकिस्तानी कलाकारों ने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ कर खूब नाम कमाया है। भारतीय दर्शकों ने भी इन कलाकारों को सिर आँखों पर बैठाया है।
इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति आर्ट, म्यूजिक, स्पोर्ट्स, कल्चर और संस्कृति जैसी गतिविधियां राष्ट्रीयताओं से परे हैं और शांति में योगदान करती हैं।
जानकारी के मुताबिक़ बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी कलाकारों पर पिछले 7 साल से लगे बैन को बढ़ाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। अब एक बार फिर से पाकिस्तानी कलाकार भारत में काम कर सकेंगे।
भारत में बॉम्बे हाई कोर्ट में दाखिल इस याचिका में भारतीय नागरिकों, कंपनियों और आर्गनाइजेशन को अपने प्रोजेक्ट में पाकिस्तानी एक्टर्स, सिंगर्स, म्यूजिशियन और टेक्निशियन को शामिल करने से रोकने की मांग की गई थी।
इस संबंध में कोर्ट ने कहा कि सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा देना जरूरी है। आर्ट, म्यूजिक, स्पोर्ट्स, कल्चर और संस्कृति जैसी गतिविधियां राष्ट्रीयताओं से परे हैं और शांति में योगदान करती हैं।
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को भारत में हो रहे वर्ल्ड कप में हिस्सा लेने की अनुमति देने के बाद भारत सरकार की तरफ से बॉम्बे हाई कोर्ट ने देश में पाकिस्तानी कलाकारों पर बैन की याचिका खारिज कर दी।
#BreakingNews |CR| भारत में फिर से काम कर सकेंगे पाकिस्तानी कलाकार
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बैन को बढ़ाने की मांग खारिज की
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जज फिरदोश पी पूनीवाला और जज सुनील बी शुक्रे की बेंच ने अपने जवाब में कहा कि ‘याचिका सांस्कृतिक सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा देने की दिशा में एक पीछे हटाने वाला कदम है और इसमें कोई योग्यता नहीं है। जो व्यक्ति दिल से अच्छा है, वो ऐसी एक्टिविटी का वेलकम करेगा, जिससे दो देशों के बीच सद्भाव, एकता और शांति को बढ़ावा मिले। आर्ट, म्यूजिक, स्पोर्ट्स, कल्चर, डांस और बाकी सब एक्टिविटी वास्तव में शांति लाती हैं।’
आगे इस बारे में कहा गया कि ऐसी याचिकाओं पर विचार करने से इंटरनेशनल शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए ‘पॉजिटिव कदम’ कमजोर होंगे।