वाशिंग्टन का कहना है कि आतंकवाद से मुकाबले में इस्लामाबाद अमेरिका के साथ सहयोग नहीं कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बाद इस देश की गुप्तचर सेवा सीआईए के प्रमुख ने भी पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि वह आतंकवादियों और अतिवादियों को शरण देता है।
माइक पम्पियो ने सोमवार को अमेरिकी टीवी चैनल सीबीएस से वार्ता में दावा किया किया कि पाकिस्तान ने पिछले वर्षों से अब तक तालेबान और हक्कानी गुट के उन सदस्यों को शरण दी है जिन्हें अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में लक्ष्य बनाता है।
सीआईए के प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान के लिए हमारा स्पष्ट संदेश यह है कि इस स्थिति का जारी रहना अब स्वीकार्य नहीं है और पाकिस्तान को चाहिये कि वह अपनी भूमि में आतंकवादियों की शरणस्थली को खत्म करे और पाकिस्तान को अमेरिका जो सहायता देता है उसके लिए शर्त यह है कि पाकिस्तान आतंकवाद से मुकाबले में हमारे साथ सहयोग करे।
अभी हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता के लिए दी जाने वाली दो अरब डॉलर की सहायता रोक दी है।
वाशिंग्टन का कहना है कि आतंकवाद से मुकाबले में इस्लामाबाद अमेरिका के साथ सहयोग नहीं कर रहा है।
यह सहायता पैकेज उस समय रोकी गयी है कि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जारी वर्ष के पहले ही दिन पाकिस्तान पर दिखावा करने का आरोप लगाया और कहा कि अमेरिकी राजनेताओं ने मूर्ख लोगों की भांति गत 15 वर्षों के दौरान पाकिस्तान की 33 अरब डॉलर की सहायता की किन्तु पाकिस्तान ने धोका दिया।
ज्ञात रहे कि पाकिस्तान के प्रधान और विदेशमंत्री सहित इस देश के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्लामाबाद के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों के हालिया आरोपों का खंडन किया और कहा है कि उनके आरोपों का कारण अफग़ानिस्तान में अमेरिका की सैन्य पराजय है।