बाल विवाह के खिलाफ असम पुलिस की व्यापक मुहिम के नतीजे हैरान करने वाले हैं। इस मुहीम के तहत शुक्रवार को 2044 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किये गए लोगों में बाल विवाह कराने वाले पंडित और मौलवी शामिल हैं।
राज्यमंत्रिमंडल ने 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ यौन अपराध से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामला दर्ज करने की घोषणा की है। साथ ही ये घोषणा भी की गई है कि 14-18 साल की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।
अधिकारीयों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक़ ये मुहिम अभी भी जारी रहेगी। इस सम्बन्ध में पुलिस ने बताया है कि उनके पास आठ हज़ार आरोपियों की सूची है। दूसरी ओर विभिन्न जिलों में महिलाओं ने इस कदम का विरोध किया है। उनका कहना है कि उनके सामने आजीविका की समस्या होगी।
असम सरकार ने बाल विवाह पर कार्रवाई करते हुए अब तक 2,044 लोगों को गिरफ़्तार किया
◆ गिरफ़्तार आरोपियों में दूल्हा, उसके परिजन शादी कराने वाले पंडित और मौलवी शामिल हैं
Assam | @himantabiswa pic.twitter.com/xwv2cZTat4
— News24 (@news24tvchannel) February 4, 2023
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि शुक्रवार सुबह से राज्य भर में मुहिम शुरू की गई और यह अगले तीन से चार दिन तक जारी रहेगी। सम्बन्ध में राज्य मंत्रिमंडल की ओर से 23 जनवरी को यह फैसला किया था कि बाल विवाह के दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। साथ ही इस सम्बन्ध में व्यापक जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। घोषणा के बाद बेहद कम समय में पुलिस ने बाल विवाह के 4 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए हैं। इस बारे में पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने जानकारी दी है कि विभाग के पास आठ हज़ार नामजद अभियुक्तों की सूची है। ये अभियान अगले तीन से चार दिनों तक जारी रहेगा।
मुहिम शुरू किये जाने के बाद शुक्रवार शाम तक विश्वनाथ जिले में सबसे अधिक 137 गिरफ्तारियां की गई हैं। धुबरी में 126 तथा बक्सा में 120 गिरफ्तारियां हुई हैं जबकि बारपेटा में 114 और कोकराझार में 96 गिरफ्तारियां हुई हैं।
साथ ही ये स्पष्ट आदेश हैं कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा और विवाह को अवैध घोषित किया जाएगा। साथ ही ये आदेश भी दिया गया है कि अगर लड़के की उम्र भी 14 साल से कम होगी तो उसे सुधार गृह भेजा जाएगा क्योंकि नाबालिगों को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।