केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित किए जाने की बात कही है। रविवार को सीसीपीए ने अपने आदेश में कहा है कि ओला प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की जाने वाली सभी ऑटो राइड्स के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद दी जाए। साथ ही रिफंड का विकल्प भी देने की बात कही गई है।
गौरतलब है कि इस वर्ष 9 अक्तूबर तक ओला कैब्स के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर कुल 2,061 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें ज्यादातर शिकायतें बुकिंग के समय से ज्यादा किराया और उपभोक्ताओं को राशि वापस न करने की थीं।
सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही की खातिर ओला सर्विस को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की जाने वाली सभी ऑटो राइड्स के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद भी देने की बात सीसीपीए द्वारा कही गई है।
ऑनलाइन टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली वाली कंपनी ओला की मनमानी पर लगाम लगाते हुए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण का कहना है कि कंपनी ग्राहकों को रिफंड के लिए पसंदीदा विधि का विकल्प चुनने की सुविधा दे। जिससे ग्राहक रिफंड की राशि अपने खाते में या फिर कूपन के ज़रिए ले सकें।
सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की खातिर सीसीपीए ने इस संबंध में रविवार को आदेश दिया। इस आदेश के मुताबिक़ ओला सर्विस को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की जाने वाली सभी ऑटो राइड्स के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद भी देने की बात कही गई है
सीसीपीए ने पाया कि ग्राहक द्वारा ओला एप पर किसी तरह की शिकायत दर्ज किए जाने की दशा में कंपनी अपनी नो-क्वेश्चन-आस्क्ड रिफंड पॉलिसी के तहत केवल एक कूपन कोड देती है। इसमें ग्राहक से यह नहीं पूछा जाता कि वह रिफंड किस रूप में चाहता है। कम्पनी द्वारा दिया गया यह कूपन कोड अगली राइड के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीसीपीए ने इसे ग्राहक अधिकारों का उल्लंघन बताया। साथ ही इस रिफंड पॉलिसी को कंपनी द्वारा उपभोक्ता को अगली सवारी लेने के लिए प्रोत्साहन भी बताया गया।
सीसीपीए ने यह भी कहा कि अगर कोई ग्राहक ओला पर बुक की गई ऑटो सवारी के लिए रसीद मांगता है तो ऐप ऑटो सेवा के नियमों और शर्तों में बदलाव के रसीद देने से मना कर देता है।