रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने यूपीआई पेमेंट लिमिट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब जरूरी सेवाओं के लिए यूपीआई पेमेंट की सीमा 5 लाख रुपए तक कर दी गई है।
यूपीआई में बदलाव के साथ रेपो रेट में किसी तरह का भी बदलाव नहीं किया गया है। वर्तमान में रेपो रेट 6.5 फीसदी है। ये लगातार 5वीं बार ऐसा है, जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया।
रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक में लिए जाने वाले फैसलों का ऐलान करते हुए रेपो रेट के 6.5 फीसदी बरकरार रखने की जानकारी दी है। साथ ही वित्तवर्ष 24 के सकल घरेलू उत्पाद की ग्रोथ का अनुमान भी 7% लगाया है।
इस प्रस्ताव के अनुसार केवल म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम सब्सक्रिप्शन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट के लिए इस सीमा को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जा रहा है।
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— Moneycontrol Hindi (@MoneycontrolH) December 8, 2023
यूपीआई पेमेंट पर बड़ी जानकारी देते हुए रिज़र्व बैंक ने बताया कि बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पेमेंट के लिए लेनदेन सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है। हालाँकि केंद्रीय बैंक ने छूट की ये सीमा अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को भुगतान करने के लिए लागू की है।
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, अब स्कूल-अस्पताल और अन्य शैक्षणिक संस्थानों और अस्पतालों में यूपीआई यूजर्स प्रति ट्रांजेक्शन एक लाख के बजाय 5 लाख रुपये तक का भुगतान यूपीआई के माध्यम से कर सकेंगे।
घोषणा के मुताबिक़ जब यूपीआई ऑटो-पेमेंट किया जाता है तो अतिरिक्त फैक्टर ऑथेंटिकेशन की आवश्यकता होती है। फिलहाल यह एएफए उस समय लागू होता है जब 15 हाज़र रुपये से अधिक की राशि के लिए ऑटो-पेमेंट किया जाता है।