नई दिल्ली। विंटर सेशन के दूसरे दिन गुरुवार को नोटबंदी पर चर्चा हुई। विपक्ष ने नोटबंदी पर वोटिंग की मांग की। कहा, “चर्चा के दौरान राज्यसभा में पीएम को जरूर मौजूद रहना चाहिए।” विपक्ष के हंगामे के चलते लोकसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में भी अपोजिशन लीडर्स ने वेल में नारेबाजी की। इसके चलते तीसरी बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। राज्यसभा में शाम को अरुण जेटली सरकार का पक्ष भी रखेंगे। दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। note ban
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विरोधी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया।
कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी की। उनका कहना था कि नोटबंदी पर चर्चा हो। वे वोटिंग वाले नियम के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे, ताकि बहस के आखिर में इस मुद्दे पर वोटिंग कराने का मौका हो। पर उनकी ये मांग पूरी नहीं हुई।
इसके बाद कांग्रेस सांसद कमलनाथ ने कहा, ”स्पीकर ने हमारा निंदा प्रस्ताव नहीं स्वीकार किया।” इसी तरह, राज्यसभा में भी हंगामा हुआ।
टीएमसी और बसपा समेत विरोधी पार्टियों ने कहा, ”बहस के दौरान पीएम की मौजूदगी जरूरी है। इसके साथ ही इतने बड़े मुद्दे पर पीएम को बयान भी देना चाहिए।”
सरकार की ओर से अनंत कुमार ने कहा कि हम तो चर्चा के लिए तैयार हैं। राज्यसभा में नोटबंदी के मसले पर कांग्रेस, सपा, बसपा समेत कई पार्टियों ने चर्चा के लिए नोटिस दिया। इसके बाद चर्चा हुई। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसकी शुरुआत की। शर्मा ने मोदी सरकार पर तानाशाही का रवैया अपनाने का आरोप लगाया कि इस फैसले के पीछे कोई कानून ही नहीं है। कहा, ”सरकार के पास डिग्री तो है नहीं, पर चले हैं सर्जिकल स्ट्राइक करने।” सरकार की ओर से पीयूष गोयल ने इसका जवाब दिया। कहा, ”पहली बार देश में ईमानदारी को सम्मान मिला है।”
कांग्रेस नेता ने कहा यह सरकार सोनम गुप्ता से भी ज्यादा बेवफा निकली
इस बीच, महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता आरके विखे पाटिल ने कहा, ”लाइन में घंटों खड़े होने से लोगों की जान जा रही है और एसबीआई ने 63 कर्जदारों का 7,016 करोड़ रु. माफ कर दिया। यह सरकार सोनम गुप्ता से भी ज्यादा बेवफा लग रही है।” बता दें कि ‘सोनम गुप्ता बेवफा’ टैग नोटबंदी के बाद एक बार फिर ट्रेन्ड में है। पहली बार यह 10 के नोट पर लिखा गया था। सोशल मीडिया पर कुछ लोग अब इसे 500, 1000 और 2000 के नोट पर लिखकर पोस्ट कर रहे हैं।