पूर्व प्रधानमंत्री हसीना वाजिद के देश छोड़कर जाने के बाद बांग्लादेश में डॉ. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया है।
बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक, अंतरिम सरकार स्थापित करने का फैसला राष्ट्रपति भवन में एक बैठक में किया गया, जिसमें तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुख और छात्र आंदोलन के नेताओं ने भी हिस्सा लिया। सरकार का फैसला अब विभिन्न राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श के बाद किया जाएगा।
शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद बांग्लादेशी छात्र आंदोलन ने देश में सैन्य सरकार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और डॉ. यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना की मांग की थी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठन के मुताबिक, प्रधानमंत्री हसीना वाजिद के इस्तीफे के बाद कोटा प्रणाली और भेदभाव के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन के नेताओं ने राष्ट्रपति मुहम्मद शहाबुद्दीन को संसद भंग करने की बात कही थी और इसके लिए 6 अगस्त दोपहर 03:00 बजे तक की समय सीमा दी थी।
छात्रों के इस आदेश के बाद राष्ट्रपति ने सेना प्रमुख समेत सैन्य नेतृत्व के साथ कई बैठकें करने की। उन्होंने समय सीमा से आधे घंटे पहले ही संसद भंग करने की घोषणा कर दी। यह खबर मिलते ही सड़कों पर उतर आए छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई।
छात्र आंदोलन के नेताओं ने राष्ट्रपति की पहल की सराहना करते हुए अर्थशास्त्री डॉ. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का मुख्य सलाहकार नियुक्त करने की मांग की।
बताते चलें कि राष्ट्रपति से संसद भंग करने की मांग तलबा तहरीक के संयोजक नाहिद इस्लाम ने अपने दो सहयोगियों द्वारा रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश के माद्यम से की थी।
वीडियो सन्देश में कहा गया है कि राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने कल, सोमवार, 5 अगस्त को कहा था कि राष्ट्रीय संसद को तुरंत भंग कर दिया जाएगा, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।
नाहिद इस्लाम ने चेतावनी दी कि छात्र अभी भी सड़कों पर हैं और हम राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को आज दोपहर 3 बजे तक संसद भंग करने का अल्टीमेटम देते हैं अन्यथा वह फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर होंगे।
इससे पहले, तलबा तहरीक के नेता नाहिद इस्लाम ने मंगलवार सुबह एक वीडियो संदेश में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त करने की भी मांग की थी।
याद रहे कि इस छात्र आंदोलन के नतीजे में शेख हसीना वाजिद का 15 साल का शासन कल समाप्त हो गया और इस्तीफा देने के साथ ही उन्होंने देश छोड़ दिया है। जिसके बाद सेना प्रमुख ने देश में अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की।