बैतुल मुक़द्दस में मस्जिदुल अक़सा के इमाम ने कहा है कि ग़ज्ज़ा के निवासियों के सब्र का पैमाना लबरेज़ हो रहा है, इसलिए इस अत्याचारपूर्ण परिवेष्टन को समाप्त करने के लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए।
शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के ख़ुतबों में मस्जिदुल अक़सा के इमाम शेख़ यूसुफ़ अबू इस्नैने ने इस्राईल की साज़िशों के मुक़ाबले में मस्जिदुल अक़सा की सुरक्षा में मुस्लिम देशें के नेताओं की कोताही की आलोचना करते हुए फ़िलिस्तीनी नागरिकों से कहा, न केवल रमज़ान के महीने में बल्कि हमेशा मस्जिदुल अक़सा में उपस्थित रहें और दुश्मनों के हमलों के मुक़ाबले में इस पवित्र स्थल की रक्षा करें।
मस्जिदुल अक़सा के इमाम ने इस्राईल के साथ संबंध सामान्य बनाने के लिए अरब देशों के शासकों की कोशिशों की निंदा की।
उन्होंने कहा, बैतुल मुक़द्दस एक इस्लामी शहर है और मस्जिदुल अक़सा केवल मुसलमानों का पवित्र धार्मिक स्थल है, इसलिए इस्राईल या विश्व की कोई भी ताक़त इस वास्तविकता को नहीं बदल सकती।