सुल्तानपुर : भाजपा के टिकटों के बंटवारे में नए नवेले भाजपाई बाजी मार ले गए। जिले की पांच सीटों के प्रत्याशी पार्टी ने तय कर दिए हैं। जो पांच नाम पार्टी ने घोषित किए हैं, उनमें एक 2012 के चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार थे। एक अन्य उम्मीदवार हाल ही में बसपा छोड़ पार्टी से जुड़े हैं। New
हाल ही में रेलवे की बड़ी नौकरी से सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति के मैदान में उतरने वाले एक पूर्व अधिकारी को भी पार्टी ने टिकट दिया है।
इस दौड़ में बजरिए बजरंग दल भाजपा में जगह बनाने वाले संघ पृष्ठभूमि के केवल एक प्रत्याशी पर भाजपा ने भरोसा जाहिर किया है।
कुछ महीने पहले रेलवे के भूमि प्रबंधन के जीएम देव मणि दुबे ने नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में दाखिला लिया था।
पार्टी ने उन्हें गृह क्षेत्र लम्भुआ से उम्मीदवार बनाकर टिकट के दावेदार तमाम पुराने भाजपाइयों के चेहरे की रंगत छीन ली है।
सदर की सीट पर उम्मीदवार बनाए गए सीता राम वर्मा हाल ही में स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा से जुड़े। राज्य के सहकारिता विभाग में भंडारागार के प्रबंध निदेशक पद से सेवा निवृत्त वर्मा ने बसपा से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
जल्दी ही वह जिला पंचायत अध्यक्ष बने लेकिन सपा सरकार बनते ही अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उन्हें हटा दिया गया। बाद में उनपर कई मुकदमे भी किए गए और उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
फिलहाल भाजपा से जुड़ना उनके लिए फायदेमंद रहा। वर्मा को पार्टी ने सदर की जिस सीट से उम्मीदवार बनाया है, उसके दो दर्जन से ज्यादा दावेदार थे।
इसमें इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके एक पूर्व विधायक के साथ ही कई पुराने भाजपाई अरसे से पैरवी में जुटे थे। कादीपुर( सुरक्षित) सीट से टिकट पाने वाले राजेश गौतम ने 2012 का चुनाव इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था।
उन्हें लगभग 10,000 वोट मिले थे। गौतम के दिवंगत पिता जय राज गौतम ने भी कांग्रेस के टिकट पर इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था और वह मंत्री भी रहे।
इसौली के उम्मीदवार ओम प्रकाश पांडे बजरंगी बजरंग दल के जरिए भाजपा में कई वर्षों से सक्रिय हैं। पांडे का यह पहला चुनाव है।
टिकट वितरण के बाद निराश दावेदारों और उनके समर्थकों की नाराजगी स्वाभाविक रूप से प्रकट हो रही है लेकिन संगठन से जुड़े लोग आश्वस्त हैं कि ए वक्ती है और बाद में कमोवेश सब साथ जुटेंगे।