गया। मुफस्सिल थाना क्षेत्र में पैमार नदी पर बन रहे रेलवे पुल के बेस कैंप पर रविवार की रात नक्सलियों ने हमला बोल दिया। 30 से 40 की संख्या में काली वर्दी में आए भाकपा माओवादी मगध जोनल कमिटी के लोगों ने सात वाहनों को फूंक डाला। नक्सलियों ने हमले से पहले लेवी की मांग की थी।
घटना उस समय की है जब कर्मचारी खाना खाकर सोये हुए थे। अचानक हथियार से लैस नक्सलियो ने कम्पनी के कैम्प पर धावा बोलकर कर्मियो को अपने कब्जे में ले लिया। नक्सलियों ने वाहनों में आग लगा दी, नक्सली मोआवादी जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए फायरिंग कर निकल गए। लेकिन बुढ़ी गॉव वाले ग्रामीणों द्वारा हल्ला करने पर नक्सलियों ने बोला ग्रामीणों से कोई विरोध नहीं है।
इस घटना के सूचना सुबह करीब 6 बजे सूचना पाते ही वजीरगंज डीएसपी अभिजीत कुमार सिंह प्रभारी थानाध्यक्ष अनिल कुमार सुरक्षा बलों के साथ घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। डीएसपी ने कई बिन्दुओ पर कम्पनी के प्रबंधक ओसी मित्रा से पूछताछ की।
प्रबंधक ने बताया कि छह महीने पहले मोबाइल से नक्सलियों ने लेवी मांगी थी। इस मामले की प्रार्थमिकी मुफस्सिल थाना मे करायी गयी थी। डीएसपी श्री सिहं ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है।
डेढ़ करोड़ का नुकसान
माओवादी संगठन द्वारा जलाये गये वाहनों से पैमार रेल पुल निर्माण करने वाले एसपी मलिक कम्पनी को करीब डेढ़ करोड़ रूपये की क्षति हुई है। जलाए गए वाहनों में एक-एक पोकलेन, हाईड्रा, सुमो, बाइक, क्रेन व दो हाईवा शामिल हैं।
प्रबंधक ओसी मित्रा के अनुसार नक्सलियो ने वाहनों को जलाने के बाद कार्यालय मे रखे 35 हजार रुपये और कर्मियो से मोबाइल भी छीन लिया, नक्सलियो ने जाते वक्त पर्चा भी छोड़ दिया है। पर्चे मे लिखा हुआ है कि लेवी नहीं देने पर यही अंजाम होगा। पुल निर्माण की लागत का 10 फीसदी मगध जोन कमिटी को भुगतान करो वरना अंजाम को भुगतने के लिए तैयार रहे।