नई दिल्ली। एम. वेंकैया नायडू ने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित एक समारोह में नायडू (68) को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, कई केन्द्रीय मंत्री , विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
शपथ ग्रहण से पहले (68) वर्षीय नायडू ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की। वे सवेरे सबसे पहले राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। फिर दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर दीनदयाल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद पटेल चौक पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद शपथ ग्रहण के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे। इसके बाद वह संसद भवन आएंगे और संसदीय कार्यमंत्री और राज्यमंत्री उनका स्वागत करेंगे। वेंकैया नायडू यहां पर भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
11 बजे वह सदन में प्रवेश करेंगे। वहीं हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुस्लिमों की बेचैनी की बात की थी। इसके जवाब में उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा। उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज ‘राजनीतिक प्रचार’ बताकर खारिज कर दिया।
वेंकैया नायडू ने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी साक्षात्कार की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है, और ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है। नायडू ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। ये एक राजनीतिक प्रचार है। पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है।