सऊदी सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी बयान के मुताबिक, सऊदी अरब में मुहर्रम 7 जुलाई से शुरू होगा। मुहर्रम का महीना दुनियाभर के मुसलमानों के लिए धार्मिक रूप से ऐतिहासिक महत्व रखता है।
चांद देखने वाली कमेटी ने लूनर कैलेंडर के आधार पर निर्णय लिया है कि ज़िलहिज्जा का महीना 30 दिनों का होगा और मुहर्रम का पहला दिन रविवार, 7 जुलाई को होगा। भारत में इस्लामी नया साल 08 जुलाई 2024 को शुरू होगा। इस बार आने वाला इस्लामिक वर्ष 1446 हिजरी है।
हिजरी वर्ष पैगंबर मुहम्मद स० के मदीना प्रवास के साथ शुरू हुआ। इसे इस्लामी इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण समय दर्ज किया गया है।
इस्लामी नए साल के पहले महीने मुहर्रम का अर्थ है ‘अनुमति न होना’ या ‘निषिद्ध’। ये शोक का महीना होता है। मुहर्रम में ही इमाम हुसैन और उनके साथियों ने शहादत दी थी। ऐसे में मुहर्रम न्याय, बहादुरी और शोषण के खिलाफ खड़े होने के लिए मनाया जाता है।
ग्रेगोरियन कैलेंडर के समान इस्लामिक कैलेंडर में भी बारह महीने होते हैं मगर चांद के अनुसार महीने बीतने के कारण ये 29 या तीस दिन का महीना होता है। इस तरह हिजरी वर्ष ग्रेगोरियन कैलेण्डर से करीब दस दिन छोटा होता है। इसलिए मुहर्रम की तारीखें हर साल ग्रेगोरियन कैलेंडर से अलग हो जाती हैं।
भारत सहित पाकिस्तान, बांग्लादेश, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया जैसे दक्षिण एशियाई देशों में सऊदी अरब, यूएई, ओमान, अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा से एक दिन बाद चांद नज़र आता है।
इससे पहले 05 जुलाई को सऊदी अरब में मुहर्रम का चांद नहीं नज़र आने के बाद सऊदी अधिकारियों ने एलान कर दिया था कि 6 जुलाई की शाम चांद नज़र आएगा और ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक़ 07 जुलाई को सऊदी अरब में मुहर्रम का पहला दिन होगा। ये इस्लामी नव वर्ष की भी शुरुआत होगी।