लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ समेत रांची, पटना, दिल्ली, हैदराबाद, भोपाल और कोलकाता में रविवार को मोहर्रम का चांद दिखाई दिया। जिसके लिहाज़ से सोमवार से पहली मोहर्रम की शुरुआत के साथ ही पूरे देश में मजलिस और मातम का दौर शुरू हो गया। दस मोहर्रम (आशूरा) 12 अक्टूबर को होगा। मरकजी शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी और मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रविवार को चांद दिखने का एलान किया। muharram india
लखनऊ में इन दस दिनों में मौलाना कल्बे जवाद के अलावा मौलाना कल्बे सादिक, मौलाना सैफ अब्बास, मौलाना आगा रूही और अन्य मौैलाना मजलिसों को खिताब करेंगे। इसके अलावा पहली मोहर्रम से लेकर दस मोहर्रम तक कई जुलूस निकाले जाएंगे। रांची में एदारा ए शरिया के नाजिम ए आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी और इमारत ए शरिया के मुफ्ती अनवर कासमी ने बताया कि इस महीने में नवासा ए रसूल हजरत इमाम ए हुसैन और तमाम शहीदाने कर्बला की याद में भारत के शहरों से लेकर दूर दराज़ गांवों में मजलिस मातम और जुलूस के अलावा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों की शहादत की याद में मनाए जाने वाला माह- ए- अजा मोहर्रम दस दिन तक चलेगा। मोहर्रम का चांद दिखने के साथ ही इमामबाड़ों और घरों में फर्श- ए- अजा बिछा दी गई और मजलिस- मातम का सिलसिला शुरू हो गया। चांद देखने के बाद महिलाओं ने अपने हाथों की चूडि़यां तोड़ दी और अब दो महीने तक श्रृंगार नहीं करेंगी।
मोहर्रम की तैयारी मुस्लिम समुदाय के लोग एक हफ्ता पहले से कर रहे हैं। घरों में रंगाई- पुताई के अलावा इमामबाड़ों को सजाया गया। इमामबाड़ों में शबीहे अलम, ताबूत, ताजिया सजा दिया गया। इसके बाद लोगों ने फर्श- ए- अजा बिछाई और इमाम हुसैन की मजलिस बरपा की। मजलिस में इमाम हुसैन पर हुए जुल्म को याद करके हर आंख रोई। इसी के साथ घरों और इमाम बारगाहों में मजलिस का सिलसिला शुरू हो गया। महिलाओं ने जहां घरों में मजलिस की तो वहीं पुरुषों ने इमाम बारगाहों में इमाम हुसैन का मातम किया।
सभी शहरों में सज गये इमामबाड़े muharram india
मोहर्रम शुरू हो गए हैं। शिया समुदाय पूरी तरह शोक में डूब गया हैं। नौगावां सादात में जहां रास्तों के किनारे काली झंडियां लगाई गई हैं, वहीं हर घर में अलम लगे नजर आ रहे हैं। रामपुर के सभी अजाखाने मजलिस व मातम के लिए तैयार हो गए हैं। यहां सोमवार को पहला जुलूस निकलेगा, जबकि अमरोहा में पांच अक्टूबर को मोहर्रम का पहला जुलूस निकलेगा। रायबरेली, जायस, नसीराबाद, फैजाबाद, सीतापुर, महमूदाबाद, उन्नाव, सैथल, इलाहाबाद, वाराणसी, बरेली, मुरादाबाद और हरदोई समेत यूपी के लगभग सभी शहरों और दूर दराज़ के गांवों में भी मोहर्रम के दस दिनों में मजलिस, मातक कर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया जाएगा।
रांची, पटना, कोलकाता, भोपाल, चेन्नई, विशाखापटनम और हैदराबाद के अलावा दूसरे राज्यों के शहरों और कस्बों में भी मोहर्रम पर पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत दस दिनों तक याद की जायेगी। सभी जगह दस मोहर्रम आशूरा के दिन उनकी याद में ताजिया निकाला जाएगा।
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