रोम: इटली में पडुआ विश्वविद्यालय के न्यूरो वैज्ञानिकों की एक टीम, सीएनआरएस और यूनिवर्सिटी पेरिस-सेटे के एक सहयोगी ने गर्भ में पलने वाले बच्चे से जुड़े एक अध्ययन की जानकारी दी है।
स्टडी से मिले प्रमाण बताते हैं कि गर्भ में पल रहे बच्चों का तंत्रिका संबंधी विकास मां की भाषा और बोली से प्रभावित होता है।
इससे पहले किये जाने वाले शोध बताते हैं कि गर्भ में बच्चे लगभग सात महीने से ही अपनी माँ की आवाज़ सुनना शुरू कर देते हैं। ये बच्चे गर्भ में ही अन्य ध्वनियाँ जैसे संगीत और सामान्य शोर भी सुन सकते हैं।
इसके अलावा, वे जन्म के बाद भी अपनी माँ की आवाज़ और उनकी आवाज़ से जुड़ी खास धुनों को पहचान सकते हैं। हालाँकि, इसे सुनने से बच्चे के मस्तिष्क के तंत्रिका विकास पर पड़ने वाले प्रभाव को अभी बहुत कम समझा गया है।
इस संबंध में साइंस एडवांसेज जर्नल में प्रकाशित अपने पेपर में, टीम ने नवजात शिशुओं पर ईईजी कैप लगाकर नया शोध किया।
What Your Baby Hears Before They're Born Really Can Shape Their Brain https://t.co/yVyluTdKcq
— ScienceAlert (@ScienceAlert) November 28, 2023
इटली में अनुसंधान दल के प्रयोग में 33 नवजात शिशुओं और उनकी माताओं को शामिल किया गया, जिनमें से सभी मूल रूप से फ्रांसीसी भाषी थे।
ईईजी परिणामों का अध्ययन करते समय, शोध दल ने बच्चों के सोते समय फ्रेंच में कहानी का ऑडियो चलाया। शोधकर्ताओं ने पाया कि बच्चों में सुनने की क्षमता बढ़ी है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये निष्कर्ष इस बात का सबूत हैं कि गर्भ में रहते हुए एक विशिष्ट भाषा के संपर्क में आने से बच्चे के मस्तिष्क पर विशिष्ट प्रभाव पड़ सकता है।