भारतीय वन्यजीव संस्थान की ओर से देश में डॉल्फिन की संख्या पर आंकड़े जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक में इन आंकड़ों को प्रस्तुत किया।
रिपोर्ट में साझा जानकारी के मुताबिक, डॉलफिन की संख्या सबसे ज़्यादा उत्तर प्रदेश में है। यहाँ सबसे अधिक डॉल्फिन पाई गईं जो 2300 से भी अधिक है।
दूसरे नंबर पर रिपोर्ट में बिहार का नाम आता है। यहाँ 2220 जबकि पश्चिम बंगाल में 815 डॉल्फिन की संख्या रिकॉर्ड की गई है। असम में 635 डॉलफिन हैं। झारखंड में डॉलफिन की संख्या 150 से अधिक रही। मध्य प्रदेश और राजस्थान में 90 से अधिक डॉल्फिन पाई गई जबकि पंजाब में सबसे कम 3 की संख्या दर्ज की गई।
गुजरात के जूनागढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की सातवीं बैठक में कई मुद्दे सामने आए हैं। इस बैठक में भारतीय वन्यजीव संस्थान के निदेशक वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि जब भारत में डॉल्फिन की संख्या 6 हज़ार से अधिक पहुंच गई है।
बताते चलें कि वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह आंकड़े सौंपे गए। इन आकंड़ों से पता चलता है कि देश में डॉल्फिन की संख्या को लेकर स्थिति संतोषजनक पाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 3 मार्च को होने वाली इस बैठक में भारतीय वन्यजीव संस्थान ने जानकारी दी है कि देश में पहली बार डॉल्फिन की संख्या 6 हज़ार 3 सौ से अधिक है। संस्थान का कहना है कि यह अनुमानित आंकड़ा है। संस्थान द्वारा इस रिपोर्ट के लिए साल 2021 से 2023 तक काम किया गया, जिसमे 105 शोधकर्ताओं ने काम किया।
रिपोर्ट के मुताबिक़ इस शोध के लिए 105 शोधकर्ताओं के अलावा वन विभाग के भी 100 से अधिक कर्मचारियों ने इसमें हिंसा लिया।इसके अलावा कुछ एनजीओ के लोग भी इसमें शामिल हुए। बताते चलें कि भारत सरकार लगातार डॉल्फिन के संरक्षण पर काम कर रही है। जल्दी ही इसपर एक विस्तृत रिपोर्ट भी जारी किये जाने की सूचना है।