लखनऊ। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने 70वें स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर दिये गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण को ‘‘नीरस‘‘ करार दिया है। माया ने कहा है कि लाल किले की प्राचीर से दिया गया ये अब तक का सबसे बेजान भाषण माना जाएगा। उन्होंने इसे ‘‘सरकारी प्रेसनोटों का संकलन मात्र‘‘ बताया।
मायावती ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को ‘‘प्रेसनोट रूपी‘‘ बताते हुए कहा कि इससे देश की तक़दीर संवरना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन लगता है। अपने जारी किए गये एक बयान में बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री ने ‘‘मेरी सरकार‘‘ के बजाय, ’’मैंने, मैंने’’ पर ही ज्यादा बल दिया है। जिन बातों का उल्लेख बड़े गर्व से किया वे सारी बातें लोग सरकारी प्रेसनोट व केन्द्रीय मन्त्रियों की प्रेस कांफ्रेन्स के माध्यम से लगातर सुनते आ रहे हैं।
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी जिन उपलब्धियों का उल्लेख किया है, उसका लाभ ज़मीनी स्तर पर लोगों को मिल रहा होता तो भाजपा सरकार के प्रति लोगों में अच्छी अवधारणा बनती। लोगों में इस सरकार के प्रति शिकायतें बढ़ी हैं। देश का छोटा व्यापारी वर्ग आज भाजपा से जितना दुःखी नज़र आता है उतना दुःखी वह शायद पहले कभी नहीं था। बीएसपी सुप्रीमो ने साफ कहा कि प्रधानमंत्री ने जिस-जिस क्षेत्र में अपनी सरकार के ‘‘कार्यकलापों‘‘ का उल्लेख किया वे केन्द्र सरकार की उपलब्धियों की श्रेणी में नहीं आते। आमतौर पर इस प्रकार के दावे राज्य सरकारें ही करती हैं। मायावती ने कहा कि नरेन्द्र मोदी आंकड़ों के मकड़जाल व विदेशी संस्थानों की रेटिंग के हवाले से अपनी सरकार की वाहवाही सुनना चाहते हैं, जबकि देश की जनता अपनी धारणा स्वयं बनती है।
मायावती ने याद दिलाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विदेशों से कालाधन लाकर देश के हर ग़रीब परिवार के सदस्य को 15 से 20 लाख रूपये देने के ताली बटोरने वाले वायदे को भुला दिया। उस वादे का उल्लेख भी उन्होंने अपने भाषण में नहीं किया।
बीएसपी सुप्रीमो ने बयान में ये भी कहा कि नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तानी राज्य बलूचिस्तान व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के बारे में कुछ बातें कहकर विदेश नीति में जो परिवर्तन किया है वह अलग बात है, लेकिन हमारा स्टैण्ड तभी मजबूत होगा जब सरकार जम्मू-कश्मीर में आम जनजीवन सामान्य बनाने में सफल होगी। इस बारे में केन्द्र की सरकार अब तक केवल बयानबाज़ी ही करती रही है।