नई दिल्ली । कांग्रेस ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का दुरुपयोग और उस पर नियंत्रण करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि इस जांच एजेंसी ने पहले भारतीय जनता पार्टी प्रमुख अमित शाह से जुड़े एक मामले पर अपील नहीं की और अब इस मामले में दायर जनहित याचिका का विरोध कर रही है ।
कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने यहां नियमित प्रेस ब्रीफिग में आरोप लगाया कि पिछले तीन साल से प्रधानमंत्री कार्यालय सीबीआई का इस्तेमाल और नियंत्रण कर रहा है जिसे पूरा देश देख रहा है जबकि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनने से पहले सीबीआई और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार को लेकर तरह तरह के आरोप लगाते रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि फर्जी मुठभेड़ से जुड़े एक मामले में शाह अभियुक्त थे और उच्चमत न्यायालय ने 2012 में इस मामले की सुनवाई गुजरात की बजाय महाराष्ट्र में करवाई थी । शाह को कुछ समय जेल भी जाना पड़ा था । अदालत द्वारा शाह को बरी किये जाने पर सीबीआई ने‘अभूतपूर्व रुप से‘ इसके खिलाफ अपील नहीं की और अब बम्बई अधिवक्ता संघ द्वारा इस मामले में जनहित याचिका दायर किये जाने पर सीबीआई इसका विरोध कर रही है । प्रवक्ता ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे सीबीआई अदालत के जज बी एच लोया की कथित रुप से रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गयी थी जिसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं ।
उन्होंने कहा कि सीबीआई कार्मिक विभाग के अधीन आता है और यह प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन है जिसके कारण प्रधानमंत्री कार्यालय को जांच एजेंसी पर दबाव बना रहा है । सिंह ने सवाल किया कि क्या मोदी इस बात का जवाब देंगे कि सरकार शाह से जुड़े मामले में सीधे हस्तक्षेप क्यों कर रही हैं । सिंह ने कहा कि देश इस मामले में जवाब चाहता है और प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मामले में दबाव बनाने के बजाय सही जांच होने देनी चाहिये ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाये ।