भारत के पंजाब से लेकर पाकिस्तान के पंजाब तक इन दिनों किरन बाला की चर्चा है.
वो एक जत्थे का हिस्सा बनकर पाकिस्तान पहुंचीं और वहां पहुंचकर इस्लाम कबूल कर लिया और वहीं के एक शख़्स से निकाह कर लिया.
गुरुवार को पाकिस्तान में मौजूद भारतीय अधिकारियों को सौंपे पत्र में किरन ने ख़ुद को अमीना बीबी बताया है
इसमें लिखा है, ”मौजूदा हालात में इस पर दस्तख़त करने वाला शख़्स अब भारत नहीं जा पाएगा. उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है, इसलिए वो वीज़ा की
मियाद बढ़ाने की दरख़्वास्त करती है.”
बीबीसी ने इस महिला से पाकिस्तान में बात कर पूरा मामला जानना चाहा.
अमीना बीबी ने कहा, ”मैं मोहम्मद आज़म को मैं डेढ़ साल से जानती हूं. हम सोशल मीडिया पर मिले थे और फिर नंबर एक्सचेंज हुए, बातचीत होने लगी.
उन्होंने कहा, ”हम दोनों के बीच छह-सात महीने बाद शादी की प्लानिंग होने लगी और मैंने पाकिस्तान वीज़ा हासिल करने के लिए कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी.”
लेकिन जत्थे का हिस्सा बनकर पाकिस्तान क्यों गई, इसके सवाल में अमीना ने कहा, ”मुझे पता चला कि अमृतसर से पाकिस्तान जत्था जाएगा. मैंने अप्लाई किया और मैं यहां आ गई.”
”पहले मैं पाकिस्तान के पंजा साहिब गई और फिर ननकाना साहिब. वहां से लाहौर आई जहां मैंने इनसे (आज़म से) शादी की और मुस्लिम बन गई.”
लेकिन आप दोनों मिले कैसे, पहले एक-दूसरे को देखा था या फिर तस्वीरों से पहचान, अमीना ने कहा, ”मैं ऑटो से एक पुल तक पहुंची जहां आज़म खड़े थे. मैंने उन्हें बता दिया था कि मैं वहां आ जाऊंगी.”
निकाह कैसे हुआ?
”हम लोग IMO मैसेंजर पर बातचीत किया करते थे, इसलिए एक-दूसरे को पहले से ही देखा था.”
आप दोनों का निकाह कैसे हुआ, इस पर उन्होंने बताया, ”हम उनके घर गए, फिर अदालत गए, वो बोले लड़की को मुसलमान बनना होगा, फिर इस्लाम कबूल करने गई जिसके बाद निकाह पढ़ा गया. इंशाल्लाह आज शादी रजिस्टर हो जाएगी.”
भारत में अपने परिवार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ”अम्मी हैं, अब्बू हैं, भाई-बहन हैं. मेरी शादी हुई थी लेकिन पति का निधन हो गया. मैं भारत में फिलहाल ख़ाला के साथ रह रही थी क्योंकि मुझे अमृतसर से पाकिस्तान आना था.”
क्या आपके कोई बच्चे नहीं हैं, ”मैं अपने माता-पिता के साथ रह रही थी. मेरे कोई बच्चे नहीं हैं. मेरी ख़ाला के बच्चों को मेरा बना दिया. बेकार की बातें बनाई जा रही हैं ताकि मैं भारत आ जाऊं लेकिन अब ये हो नहीं सकता.”
पाकिस्तान से उन्होंने अपने माता-पिता से बात की और वो क्या बोले, ”जो किया है उसकी सज़ा मिलेगी.”
इस बीच लाहौर हाई कोर्ट ने पाकिस्तानी गृह मंत्रालय से अमीना के वीज़ा की मियाद बढ़ाने की अर्ज़ी पर गौर करने को कहा है. अमीना का कहना है कि अगर उन्हें भारत भेजा जाता है तो उनकी जान को ख़तरा है.
33 साल की किरन सिख समुदाय से थीं और तक़रीबन 1800 दूसरे सिखों के साथ पाकिस्तान गई थीं.
किरन के पति का इंतक़ाल हो चुका है और वो होशियारपुर के गढ़शंकर की रहने वाली हैं.
उनके इस तरह अचानक लापता होने से भारत में रह रहा उनका परिवार परेशान है और उन्हें डर है कि कहीं किरन पाकिस्तान में किसी ‘मुसीबत में तो नहीं फंस’ गईं.
लाहौर के गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सचिव गोपाल सिंह चावला ने अमृतसर के पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन को फ़ोन पर बताया, “हां, हमें पता चला है कि किरन जत्थे के साथ आई थीं, लेकिन अब उनकी कोई ख़बर नहीं है. अगर इस बारे में कोई शिकायत दर्ज की जानी है तो ये प्रशासन की तरफ़ से होगा, इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “हमें ये भी पता चला है कि उन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था और हम इसका विरोध करते हैं.” किरन गढ़शंकर में अपनी आठ साल की बेटी, दो छोटे बेटों और सास-ससुर के साथ रहती थीं.
उनके पिता तरसेम सिंह गांव के एक गुरुद्वारे में ग्रंथी हैं. उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी से तीन दिन पहले ही फ़ोन पर बात की थी.
उन्होंने बताया, “किरन ने कहा कि वो वापस नहीं आएंगी. मैंने सोचा कि वो मज़ाक कर रही है, लेकिन जब मुझे पता चला कि वो लाहौर जाकर मुसलमान बन गई है तो मेरे होश उड़ गए. मैं चाहता हूं कि वो वापस आ जाए और अपने बच्चों की देखभाल करे.”