तरनतारन, शहीद जवानों का शव घर पहुंचा. भारत-पाकिस्तान की नियंत्रण रेखा के पास मेंढर सेक्टर में शहीद हुए दो जवानों के शव उनके घर पहुंच गये हैं. शहीद परमजीत सिंह का पार्थिव शरीर पंजाब में उनके घर पहुंचा है. परमजीत सिंह की पत्नी ने कहा कि अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि उनसे मिलने नहीं आया है. तो वहीं उनकी बेटी ने कहा कि हमें अपने पिता का पूरा शव चाहिए.
वहीं हमले में शहीद हुए दूसरे जवान बीएसएफ के जवान प्रेम सागर के भाई ने कहा कि मेरा भाई शहीद हुआ है, हमें इस बात पर गर्व है. उनके भाई ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहूंगा, कि जैसे पाकिस्तान हमारे जवानों के साथ करता है वैसे ही हम भी उनके साथ करें. उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी 50 वर्षीय प्रेम सागर ने सोमवार सुबह ही अपनी पत्नी से फोन पर बात की थी, और उन्होंने प्रेमसागर की तबीयत और ब्लड प्रेशर के बारे में पूछा था. लेकिन देर रात पता चला कि वह शहीद हो गये हैं.
देवरिया में प्रेमसागर के परिवार वालों ने कहा कि दुख के साथ खुशी भी है कि हमारा भाई देश के लिए शहीद हुआ. अन्य गांव वालों ने भी कहा कि पीएम को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए.
आपको बता दें कि अभी प्रेमसागर के घर पर काम चल रहा था, वह जब भी आते थे तो अपने घर को बनाने का काम करवाते थे. वहीं दूसरी ओर परमजीत सिंह ने भी अपने घर के काम को पूरा करवाने के लिए दो माह की छुट्टी ले रखी थी. विडंबना की बात यह है कि परमजीत का शव उसी घर में रखा गया है, जिसके लिए वह घर आए हुए थे.
परमजीत सिंह के भाई ने चरनजीत सिंह ने कहा कि कब तक ऐसे कई परमजीत सिंह शहीद होते रहेंगे, कब तक देश के जवान बार-बार शहीद होते रहेंगे. उनके भाई ने कहा कि पीएम मोदी की 56 इंच की छाती कब अपना जौहर दिखाएगी.
इसके साथ ही प्रेम सागर की दो बेटियों ने भी पाकिस्तान से बदला लेने की बात कही है. उनकी बेटियों ने गुहार लगाई है कि उनके पिता के ना होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही उनकी देखरेख करें. बेटी सरोज ने अपने पिता की कुर्बानी के बदले पाकिस्तानी सेना के 50 सिर की मांग की.