लखनऊ : उत्तर प्रदेश में भाजपा के चुनाव प्रबंधकों की रणनीति से इतर मुद्दों के तूल पकड़ने से पार्टी की चिंताएं बढ़ने लगी है। Manager
वरिष्ठ नेता व सांसद विनय कटियार की कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी पर की गई टिप्पणी से पार्टी ने किनारा तो कर लिया है, लेकिन इसके तूल पकड़ने से उनके तेवर ढीले पड़े हैं।
इसके पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य की आरक्षण की टिप्पणी ने भी उसके लिए परेशानी खड़ी की थी।
उम्मीदवारों की सूची में बड़ी संख्या में दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट मिलने के विरोध में जिला स्तर से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन भी उसके लिर्ए चिंता का सबब बने हुए हैं।
यूपी के सामाजिक समीकरणों को देखते हुए भाजपा ने विनय कटियार के प्रति कोई सख्ती तो नहीं दिखाई है, लेकिन केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कटियार के बयान की निंदा करते हुए कहा है कि किसी पर भी निजी टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। खासतौर पर महिलाओं के बारे में तो कतई नहीं।
कटियार से पहले संघ के नेता मनमोहन वैद्य का आरक्षण पर दिया बयान भी पार्टी पर भारी पड़ा था। जिसके खंडन के लिए संघ के सह सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबुले को मैदान में उतरना पड़ा था। भाजपा की एक बड़ी परेशानी टिकटों को लेकर फैला असंतोष भी है।
जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में बाहरी नेताओं पर दांव लगाने और बड़े नेताओं को साधने के लिए उनके सगे संबंधियों को टिकट देने को लेकर जिला से लेकर दिल्ली तक पार्टी कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं।