लखनऊ : शिया मुसलमानों के यहां इफ़्तार पार्टी और शादी की दावत में खाने को लेकर जारी फतवे को दारुल उलूम देवबंद ने फर्जी करार दिया है। दरअसल एक चिठ्ठी के जरिए दावा किया गया कि दारुल उलूम देवबंद ने फतवा जारी किया है, शिया मुस्लमानों के इफ़्तार पार्टी और शादी की दावतों में खाना खाने से सुन्नी मुसलमान परहेज़ करें।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस कथित फतवे ने यूपी में हंगामा खड़ा कर दिया। फतवे पर जारी बहस के बीच सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली ने देवबंद से इस तरह का फतवा जारी होने से इंकार करते हुए कहा है कि दारुल उलूम देवबंद से इस तरह के फतवे नहीं जारी होते हैं।
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फतवा सामने आने के बाद से ही दोनों पक्षों के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। फतवे पर विवाद बढ़ने पर दारुल उलूम देवबंद की तरफ से मौलाना खालिद रशीद फिरंगीमहली ने सफाई पेश की है।
फिरंगीमहली ने देवबंद का पक्ष रखते हुए कहा है, कि देवबंद इस तरह फतवे नहीं जारी करता है। जिस की वजह से विवाद हो। मौलाना ने कहा है कि शिया सुन्नी में कोई अलगाव नहीं है, दोनों साथ में इफ़्तार कर सकते हैं।
उन्होंने ने कहा की रमजान में देवबंद बंद रहता है। ऐसे में फतवा किस ने दिया इस की जांच होनी चाहिए। मौलाना ने अपील की है कि मुसलमानों को इस तरह के किसी चक्कर में नहीं आना चाहिए।