श्रीनगर। कश्मीर घाटी में अलगाववादियों द्वारा हड़ताल में छूट दिए जाने से कल शाम सामान्य जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया लेकिन आज कुछ हिस्सों में बंद और कर्फ्यू जारी रहने के बाद हालात फिर पहले जैसे हो गए। घाटी के शेष भागों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंदिशें लागू हैं।
कल शाम को अलगाववादियों ने आंदोलन के कार्यक्रम में ढील की घोषणा की ताकि लोग जरूरी सामान खरीद सकें। इस घोषणा के बाद कल शाम के समय कई दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले। घाटी में नौ जुलाई से बंद की स्थिति है। हालांकि अलगाववादियों के बंद के आहवान के बाद आज बाजार बंद रहे और सार्वजनिक वाहन सड़कों पर नजर नहीं आए। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के छह पुलिस थाना क्षेत्रों, अनंतनाग शहर, कोकेरनाग और बारामुला जिले के खानपुरा में कर्फ्यू लगा रहा। पूरे कश्मीर में चार या इससे ज्यादा लोगों के एक स्थान पर इकट्ठा होने पर प्रतिबंध बना रहा। पुलिस अधिकारी ने कहा, श्रीनगर शहर के सिर्फ छह पुलिस थाना क्षेत्रों- नौहाटा, खान्यार, रैनावाड़ी, सफाकदल, बटमालू और महाराजगंज में कर्फ्यू लगा हुआ है।
अलगाववादी समूह विरोध प्रदर्शनों में नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ आंदोलन का नेतत्व कर रहे हैं। ये विरोध प्रदर्शन आठ जुलाई को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद किए जा रहे थे। नौ जुलाई को कश्मीर घाटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ क्षड़पें हुईं और 49 लोग मारे गए। इस दौरान 5600 से ज्यादा लोग घायल हो गए। पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गईं जबकि सभी नेटवर्कों की पोस्टपेड मोबाइल टेलीफोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। प्रीपेड कनेक्शनों पर फोन आने की सुविधा बहाल कर दी गई है लेकिन इन नंबरों से कॉल की नहीं जा सकती। अलगाववादी समूह ने शुक्रवार को हजरतबल दरगाह तक मार्च का आहवान करते हुए कश्मीर में बंद की अवधि को पांच अगस्त तक विस्तार दे दिया है।