जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने संसद सदस्यों को महंगे उपहार वितरित करने के लिए राष्ट्र से माफी मांगी है।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विपक्ष ने मांग की थी कि उपहार वितरण के मुद्दे पर हाल ही में निर्वाचित प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा इस्तीफा दें।
प्रधानमंत्री इशिबा ने शुक्रवार 14 मार्च को सत्तारूढ़ पार्टी के एक सांसद के सवाल के जवाब में संसद को बताया- “मेरे काम से कई लोगों में अविश्वास और गुस्सा पैदा हुआ, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं।”
जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि मेरा कार्य गैरकानूनी नहीं था, लेकिन इससे लोगों में अविश्वास और गुस्सा पैदा हुआ, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं।
प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने कहा कि ये उपहार व्यक्तिगत हैसियत से दिए गए थे और इनका कोई छिपा हुआ राजनीतिक उद्देश्य नहीं था। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वे पद छोड़ सकते हैं, तो इशिबा ने केवल इतना कहा कि उपहारों ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया है।
जापानी प्रधानमंत्री ने कहा कि यद्यपि मेरा कार्य गैरकानूनी नहीं था, लेकिन इससे लोगों में अविश्वास और गुस्सा पैदा हुआ, जिसके लिए मैं माफी मांगता हूं।
इस मामले के प्रकाश में आने के बाद प्रधानमंत्री इशिबा को अगले वर्ष के बजट को संसद से अनुमोदित कराने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री ने 3 मार्च को चुनाव में जीत के बाद “धन्यवाद” स्वरूप 15 संसद सदस्यों को एक लाख येन का उपहार दिया था। यह अमरीकी मुद्रा में 673 डॉलर और भारतीय मुद्रा में करीब 58 हज़ार से अधिक की राशि होती है।
जिसके बाद, एक सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री इशिबा की सरकार के लिए समर्थन दर फरवरी में 44 प्रतिशत से घटकर 36 प्रतिशत हो गई।
जापान में जुलाई के आसपास उच्च सदन के लिए चुनाव होंगे। ऐसे में अगर इशिबा सांसदों को दिए गए अघोषित दान के पिछले राजनीतिक मुद्दों से उत्पन्न जनता के विश्वास को पुनर्जीवित नहीं कर पाते हैं तो जहां सत्तारूढ़ गठबंधन का थोड़ा सा बहुमत भी खतरे में पड़ सकता है।