कुमानो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे देश के पश्चिमी हिस्से में भारी बारिश और वर्षाजनित घटनाओं में 160 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद बुधवार को बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे के लिए रवाना हो गए। जापान में गत 36 साल के दौरान मौसम संबंधी सबसे बड़ी आपदा में हजारों लोग बेघर हो गए और बिजली एवं पेयजल की भारी किल्लत हो गई है।
कई दिनों तक लगातार हुई मूसलाधार बारिश की वजह से पश्चिमी इलाका बाढ़ में डूब गया और जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं हुई। आबे बाढ़ प्रभावित ज्यादातर स्थानों पर जाएंगे। वह सबसे बुरी तरह प्रभावित इलाकों में से एक ओकायामा प्रांत भी जाएंगे। सरकारी टेलीविजन एनएचके ने बताया कि अब तक कम से कम 161 लोग मारे जा चुके हैं और 57 अब भी लापता हैं।
टेलीविजन के अनुसार देश में 1982 के बाद पहली बार मौसम संबंधी इतनी बड़ी आपदा आई है। आबे ने इस आपदा के मद्देनजर अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी हालांकि शुरुआत में बारिश के जोर पकडऩे और वर्षजनित छिटपुट घटनाओं की रिपोर्ट मिलने के दौरान उनकी रक्षा मंत्री के साथ एक पार्टी की तस्वीर ट्विटर पर वायरल होने के बाद उनकी कड़ी आलोचना भी हुई थी।
इसके बाद उन्होंने बेल्जियम, फ्रांस, सऊदी अरब और मिस्र का अपना दौरा रद्द कर दिया।बाढ़ के कारण लाखों मकानों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई थी जिनमें से 3500 घरों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई है लेकिन दो लाख से अधिक मकानों में पेयजल की आपूर्ति अब भी बाधित है।
कुराशिकी जैसे अत्याधिक प्रभावित क्षेत्रों में आद्र्रता का स्तर बहुत अधिक है और तापमान 33 डिग्री सेल्सियस पर होने से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। बारिश की तीव्रता में कमी आई है और बाढ़ का पानी उतरने भी लगा है लेकिन इससे सडक़ों पर कीचड़ जमा हो गया है। कुछ जगहों पर कीचड़ सूख गया है लेकिन जब राहत वाहन वहां से गुजरते हैं तो धूल का गुबार उठता है।
राहत और बचाव दल मलबे में लोगों की तलाश कर रहे हैं। इस बीच अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर लोगों को संक्रमित भोजन से होने वाली बीमारियों के खतरे के प्रति चेतावनी दी है। फुुकुयामा शहर में जलाशय में दरार पाए जाने के बाद 25 मकानों को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। गर्मी बढऩे से मौसम में तेजी से बदलाव आ रहा है जिससे शाम तक आंधी-तूफान आने की आशंका है। अधिकारियों ने इस दौरान भूस्खलन की भी चेतावनी जारी की है।