26 अक्टूबर 1947 का दिन इतिहास में एक ख़ास दिन के रूप में सदा याद किया जायेगा। आज ही के दिन जम्मू-कश्मीर रियासत भारत संघ में सम्मिलित हुई थी।
आज से 76 साल पहले तत्कालीन राजा हरी सिंह ने अपनी रियासत जम्मू कश्मीर को भारत में मिलाने का फैसला किया था। 15 अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ। विभाजन के समय हरी सिंह ने न तो भारत के साथ जाना चाहा और न ही पाकिस्तान में विलय किया। वह अपनी आज़ाद रियासत के साथ थे।
आज़ादी के कुछ दिनों बाद हरी सिंह की रियासत में कबायली पाकिस्तानियों की घुसपैठ शुरू हो गई। कश्मीर की ज्यादातर आबादी मुस्लिम थी और हरी सिंह एक हिन्दू राजा थे।
22 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तानी कबायलियों ने हमला बोल दिया। पाकिस्तान से प्रवेश करने वाले कबायली लड़ाके कश्मीर में आगे बढ़ रहे थे। इन हालात को देखते हुए महाराजा हरी सिंह ने अपनी रियासत को बचाने के लिए भारत सरकार से मदद मांगी।
आज ही के दिन कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। 26 अक्टूबर 1947 को हरीसिंह ने जम्मू-कश्मीर के विलय के कागजात पर हस्ताक्षर किए। जिस विलय संधि के आधार पर जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा बना, वह महज दो पेज का है।#JammuKashmir #TodayInHistory
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— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) October 26, 2023
25 अक्टूबर को हरी सिंह श्रीनगर छोड़कर जम्मू पहुंचे। यहां उन्होंने भारत में सम्मिलित होने का फैसला किया। 26 अक्टूबर को हरी सिंह ने भारत के विलय पत्र ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ पर हस्ताक्षर किए।
हस्ताक्षर किये जाने के अगले दिन भारतीय सेना ने श्रीनगर पहुंचकर कबायलियों को खदेड़ दिया। इस तरह समूचा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया। कुछ इतिहासकारों का ये भी मानना है कि हरी सिंह ने श्रीनगर छोड़ने से पहले ही विलय संधि पर हस्ताक्षर कर दिए थे।