सऊदी अरब ने कहा है कि गाजा पर इजरायल का दोबारा कब्जा और फिलिस्तीनियों का निष्कासन स्वीकार्य नहीं है।
सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह इजरायल द्वारा फिलिस्तीनियों के निष्कासन और गाजा पर इजरायल के दोबारा कब्जे को खारिज करता है। ऐसा कोई भी कदम अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन होगा।
सऊदी अरब ने बुधवार को इजरायली मंत्रियों के बयानों की निंदा की, जिसमें गाजा से फिलिस्तीनियों के स्वैच्छिक प्रवास का आह्वान किया गया था और इजरायल को जवाबदेह ठहराने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के महत्व पर जोर दिया गया था।
साथ ही ये भी बताया गया कि इजरायली सरकार के बयान और कार्य अंतरराष्ट्रीय वैधता निर्णयों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करते हुए आगे बढ़े हैं।
Saudi Arabia condemns Israeli ministers’ call for migration of Palestinians in Gaza
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— Dawn.com (@dawn_com) January 4, 2024
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सऊदी अरब स्पष्ट रूप से इजरायली मंत्रियों के चरमपंथी बयानों की निंदा करता है। अंतर्राष्ट्रीय कानून के लगातार उल्लंघन के लिए इज़राइल को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस संबंध में प्रयास करना होगा।
इज़रायली धुर दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-ग्विर और वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच ने पहले गाजा पट्टी से फ़िलिस्तीनियों के स्वैच्छिक प्रवास के लिए समर्थन की घोषणा की थी।
इज़रायली मंत्रियों ने गाजा से फ़िलिस्तीनियों को बाहर निकालने और यहूदियों के पुनर्वास का आह्वान किया। अमरीकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इजरायली मंत्री के बयान को भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बताया।
सऊदी मीडिया के मुताबिक़, हमास ने बयानों को अवास्तविक “कल्पना” बताया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
बताते चलें कि इस टिप्पणी को अमरीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने खारिज कर दिया है।