गाजा: हमास ने गाजा में युद्ध को पूरी तरह खत्म करने के लिए चरणों में 135 दिनों के संघर्ष विराम का प्रस्ताव रखा, लेकिन इजराइल ने इसे खारिज कर दिया।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमास ने गाजा में साढ़े चार महीने के युद्धविराम की योजना पेश की, जिसे चरणबद्ध तरीके से अपनाते हुए पूर्ण युद्धविराम का रास्ता साफ हो सकता है।
हमास ने मध्यस्थों अमरीका, कतर और मिस्र के सामने यह प्रस्ताव रखा और इन के माध्यम से ये इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सामने पहुंचा।
पिछले संघर्ष विराम समझौते की तरह, इस प्रस्ताव में गाजा का पुनर्निर्माण, इजरायली सेना की वापसी और शवों का आदान-प्रदान शामिल है, जिसमें हमास फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों की अदला-बदली करेगा।
हमास युद्धविराम योजना के अनुसार, पहले चरण में, इजरायली जेलों से फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की रिहाई के बदले में सभी इजरायली महिला बंधकों, 19 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों, बुजुर्गों और बीमारों को रिहा किया जाएगा।
Israel’s Netanyahu Rejects Hamas’ Ceasefire Proposal In Gaza, Insists On ‘Totally Victory’ | Sahara Reporters https://t.co/LOG6DC759b pic.twitter.com/BS3FBRolQD
— Sahara Reporters (@SaharaReporters) February 8, 2024
दूसरी ओर, इजरायली प्रधान मंत्री नेतन्याहू ने हमास के युद्धविराम के प्रस्ताव को “धोखाधड़ी” बताते हुए खारिज कर दिया और हमास को जड़ से उखाड़ने का संकल्प व्यक्त करते हुए कहा कि इजरायल के पास ऐसा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
नेतन्याहू ने कहा कि बंधकों की शीघ्र रिहाई मजबूत और जोरदार सैन्य कार्रवाई और दबाव से ही संभव है। गाजा में सैन्य कार्रवाई जारी रहेगी।
इस मामले में अमरीकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लैंकेन ने उम्मीद जताई है कि पार्टियां फिर से संघर्ष विराम समझौते पर पहुंचेंगी। उन्होंने हमास के प्रस्ताव में और भी बिंदु जोड़े जाने की गुंजाइश की बात भी कही है।
इस दौरान 07 अक्टूबर से जारी युद्ध में गाजा के करीब 27,500 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। पट्टी के 2.3 मिलियन लोगों में से अधिकांश को विस्थापन का दंश झेलना पड़ा है और अवरुद्ध तटीय क्षेत्र मानवीय संकट झेलने को मजबूर हैं। इस युद्ध के बाद अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में नरसंहार का दावा शुरू हो गया था, जिसे इजरायल ने खारिज कर दिया था।