राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि शहीदों का लहू निश्चितरूप से क्षेत्र में नये परिवर्तन का कारण बनेगा।
ईरान और इराक़ के राष्ट्राध्यक्षों ने एक दूसरे से टेलीफ़ोनी वार्ता की। ईरान के राष्ट्रपति डाक्टर हसन रूहानी ने गत रात्रि अपने इराकी समकक्ष बरहम सालेह से टेलीफोनी वार्ता में बल देकर कहा कि जनरल क़ासिम सुलैमानी, अबू मेहदी अलमोहन्दिस और उनके साथियों की शहादत दोनों महान राष्ट्रों के लिए बहुत सख्त है और वह दोनों महान राष्ट्रों के शोक का कारण बनी।
राष्ट्रपति रूहानी ने इस टेलीफोनी वार्ता में कहा कि इराकी सरकार का स्पष्ट दृष्टिकोण और अमेरिका के आतंकवादी हमले में मारे गये शहीदों की बग़दाद, कर्बला और नजफ में शवयात्रा शोकाकुल ईरानी राष्ट्र के शोक में कमी का कारण बनी।
इसी प्रकार राष्ट्रपति रूहानी ने इस टेलीफोनी वार्ता में बल देकर कहा कि अतिक्रमणकारी और अमेरिका की हस्तक्षेपपूर्ण कार्यवाहियों के मुकाबले में ईरान और इराक के संबंधों और सहकारिता को और विस्तृत किया जाना चाहिये।
राष्ट्रपति रूहानी ने अमेरिकी सैनिकों को इराक से निकालने पर आधारित इस देश की संसद द्वारा पारित किये जाने वाले विधेयक को महत्वपूर्ण और क्षेत्र में शांति व सुरक्षा स्थापित किये जाने की दिशा में आरंभिक बिन्दु बताया और कहा कि निश्चितरूप से शहीदों का लहू क्षेत्र में नये परिवर्तन का कारण बनेगा।
इस टेलीफ़ोनी वार्ता में राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि ईरानी राष्ट्र व सरकार अतीत की भांति इराकी राष्ट्र के साथ रहेगा और शहीद जनरल क़ासिम सुलैमानी ने ईरान, इराक और क्षेत्र की सुरक्ष के लिए बहुत प्रयास किया और अगर उनके प्रयास न होते तो निश्चित रूप से अरबील दाइश के हाथ में चला जाता।
इराक के राष्ट्रपति बरहम सालेह ने भी इस टेलीफोनी वार्ता में जनरल क़ासिम सुलैमानी, अबू मेहदी अलमोहन्दिस और उनके साथ शहीद होने वालों को दोनों राष्ट्रों के लिए बहुत बड़ा दुःख बताया और कहा कि इस समय सभी को बहुत कठिन परिस्थिति और फित्ने का सामना है।
उन्होंने दोनों राष्ट्रों की एतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समानताओं की ओर संकेत किया और बल देकर कहा कि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि दोनों राष्ट्रों के मध्य दोस्ती क्षेत्र में शांति व सुरक्षा उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी।