विश्व बैंक का अनुमान है इस वर्ष 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.9% रहेगी। ये विकास दर 2021-22 के 8.4% के मुकाबले में बड़ी गिरावट दर्शा रही है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में की वृद्धि में गिरावट की उम्मीद की जा रही है। वित्तीय वर्ष 22-23 में सकल घरेलु उत्पाद विकास दर घटकर 6.9% रहने की उम्मीद है। ये जानकारी विश्व बैंक ने अपनी भारत विकास अद्यतन रिपोर्ट में दी है।
स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया द्वारा भी 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
GDP FY22-23: वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी विकास दर गिरकर 6.9% रहने की उम्मीद, विश्व बैंक का अनुमान#GDP #FinancialYear #GDPGrowth https://t.co/pDZ1y4Prb3
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) December 6, 2022
वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में 8.4% का आंकड़ा बड़ी गिरावट के रूप में देखा जा रहा है। इससे पूर्व स्विट्जरलैंड की ब्रोकरेज कंपनी यूबीएस इंडिया द्वारा भी 2022-23 में भारत की जीडीपी विकास दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
जीडीपी पर बढ़ती महंगाई के कारण असर पड़ रहा है। इस महंगाई को काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक सहित विश्व भर के केंद्रीय बैंक अपनी ब्याज दर बढ़ा रहे हैं। इस बढ़ी डर का सीधा प्रभाव देश की जीडीपी पर पड़ता है।
जीडीपी का मूल्यांकन भारत सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वन मंत्रालय द्वारा किया जाता है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी किसी एक वर्ष में उस देश में उत्पन्न होने वाले सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य होता है। जीडीपी के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों के स्तर का आंकलन किया जाता है साथ ही इसपर निगाह रखते हुए यह जानकारी भी मिलती है कि किस क्षेत्र में तेज़ी और कहा गिरावट की स्थिति आई है।