भारत ने हंगरी की राजधानी में आयोजित शतरंज ओलंपियाड में विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक पर अपना हक़ जमा लिया है। इस प्रतियोगिता में उन्होंने फाबियानो को शिकस्त दी।
भारत 19 अंक के साथ शीर्ष स्थान पर बना है। भारत ने शतरंज ओलंपियाड में पहली बार स्वर्ण पदक हासिल किया है। भारतीय पुरुष टीम ने शतरंज ओलंपियाड के दसवें चरण में अमरीका को 2.5-1.5 से हराकर इस पदक पर क़ब्ज़ा जमाया।
अगर भारत अगले दौर की बाज़ी नहीं जीत सका तब भी हाई टाईब्रेक स्कोर के कारण वह चैंपियन बन जाएगा। बताते चलें कि पैंतालीसवें शतरंज ओलंपियाड वाले इस खेल का एक चरण बाक़ी था जब भारत को यह सफलता मिली।
हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में चल रही इस प्रतियोगिता में ग्रैंडमास्टर और विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर डी गुकेश ने भारत को पुरुष वर्ग में पहली बार शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण दिलाया।
शतरंज ओलंपियाड के दसवें दौर में भारतीय पुरुष टीम ने अमरीका को 2.5-1.5 से हराया। इसमें प्रगनानंदा को वेस्ली सो ने शिकस्त दी जबकि विदित ने लेवरोन को ड्रॉ पर रोका और अर्जुन ने पेरेज से जीत हासिल की।
दूसरी तरफ भारतीय महिला टीम ने चीन को दसवें दौर में शिकस्त दी भारत की यह जीत 2.5-1.5 के स्कोर से हुई।अमरीकी टीम से महिला टीम का खेल बराबरी पर रहा मगर चीन को हराकर भारतीय टीम ने जीत के साथ वापसी की।
दिव्या देशमुख भारतीय महिला टीम में विजय हासिल कर सकी। नोएडा की वंतिका अग्रवाल, वैशाली और हरिका का खेल बराबरी पर ख़त्म हुआ।
दिव्या ने शिक्वेन को शिकस्त दी। वंतिका और मियाओई का गेम ड्रा हुआ। शीर्ष बोर्ड पर जहाँ हरिका और झू जिनेर के बीच खेल बराबरी पर रहा वहीँ वंतिका ने मियाओइ को बराबरी पर रोकने में कामयाबी पाई।