भारतीय महिलाओं के पास दुनिया में सबसे ज्यादा सोना है। यह जानकारी ऑक्सफोर्ड गोल्ड ग्रुप द्वारा जारी एक रिपोर्ट से सामने आई है। इसमें छपे आंकड़े पांच देशों की तुलना के आधार पर दिए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक़, दक्षिण भारत सोने के स्वामित्व केंद्र के रूप में इस सूची में सबसे ऊपर जगह बनाए है। यहाँ महिलाओं के पास भारत के कुल सोने के भंडार का 40% हिस्सा होने की बात सामने आई है। इस तरह से भारतीय महिलाओं द्वारा उपयोग किया जाने वाला यह सोने का भंडार भारत की जीडीपी का 40% हिस्सा है।
वर्लड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24000 टन सोना है, जो दुनिया के कुल गोल्ड रिजर्व का 11 फीसदी है।
भारत में महिलाओं का सोने के ज़ेवर के साथ जितना क़रीबी रिश्ता देखने को मिलता है उतना दूसरी सम्पत्तियों से नहीं। भारत में सोना खरीदने को न सिर्फ समृद्धि से जोड़ा गया है बल्कि इसे शुभ माना जाता है। यहाँ शादी-ब्याह के अवसर पर सोने का लेन-देन आज भी महत्वपूर्ण रस्मों में से एक है। यही कारण है कि भारतीय महिलाओं के पास मौजूद सोना, दुनिया के पांच सोना रखने वाले देशों के गोल्ड रिजर्व से अधिक है।
वर्लड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय महिलाओं के पास लगभग 24000 टन सोना है, जो दुनिया के कुल गोल्ड रिजर्व का 11 फीसदी है। काउंसिल की इस रिपोर्ट से पता चलता है कि भारतीय महिलाओं के पास गोल्ड रिजर्व 21000-23000 से अब बढ़कर 24000-25000 टन से अधिक हो गया है।
इस समय अमरीका के पास 8000 टन सोना है जबकि जर्मनी के पास 3300 टन और इटली के पास 2450 टन सोना है। फ्रांस के पास इस समय 2400 टन सोना है और रूस के पास 1900 टन सोना है।
मीडिया रिपोर्ट्स से होने वाले खुलासे से पता चलता है कि दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के पास भारत का 28 प्रतिशत सोना है। रिपोर्ट्स यह भी बताती है कि संयुक्त राज्य अमरीका के पास 8,133 टन सोना है, जर्मनी के पास 3,362 टन, इटली के पास 2,451 टन, फ्रांस के पास 2,436 टन और रूस के पास 2,298 टन सोना है।
भारतीय आयकर के अनुसार, भारत सरकार ने विवाहित महिलाओं को 500 ग्राम सोना रखने पर टैक्स में छूट दी है। वहीं, अविवाहित महिलाएं 250 ग्राम तक और पुरुष 100 ग्राम तक सोना रख सकते हैं। ये नियम विरासत में मिले या वैध तरीकों से प्राप्त सोने के आभूषणों पर लागू होती हैं।