नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपया आज रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया था। आज रूपया डॉलर के मुकाबले 30 पैसे टूटकर 68.86 पर आ गया जो कि डॉलर के मुकाबले रुपये का सबसे निचला स्तर है। हालांकि अपने दिन के 68.86 के निचले रिकॉर्ड स्तर के बाद रुपये ने थोड़ी रिकवरी दिखाई और अंत में डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे टूटकर 68.73 के स्तर पर बंद हुआ. ये भी अगस्त 2013 के बाद रुपये का सबसे निचला स्तर है। indian rupee
डॉलर में मजबूती के चलते रुपया लगातार गिर रहा है और संभावना जताई जा रही है कि रुपया अभी और कमजोर हो सकता है. आर्थिक जानकारों के मुताबिक माना जा रहा है कि आने वाले समय में यह 70 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच सकता है. जानें रुपये की गिरावट के कौन-कौन से निगेटिव असर आपको देखने को मिल सकते हैं-
रुपये की गिरावट का इन चीजों पर होगा असर
रुपये की गिरावट से महंगाई बढ़ने का डरः रुपये की गिरावट से एक्सपोर्ट महंगे होंगे जिससे वस्तुओं के दाम बढ़ेंगे. इसका सीधा असर महंगाई बढ़ने के रूप में देखा जाएगा।
सरकारी घाटा बढ़ेगाः
रुपए में कमजोरी से देश के सरकारी घाटे पर दबाव बढ़ने का डर रहता है जिसके चलते सरकार को खर्च नियंत्रित करना पड़ सकता है, इसका सीधा असर देश की विकास दर पर देखने को मिल सकता है।
पेट्रोल-डीजल होंगे महंगेः
भारत के इंपोर्ट का बहुत बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम उत्पादों के इंपोर्ट में जाता है और ये डॉलर में भुगतान किया जाता है. रुपए में गिरावट की वजह से कच्चे तेल के इम्पोर्ट बिल (आयात बिल) महंगे हो सकते हैं जिससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है. इसके चलते आने वाले समय में आपको पेट्रोल-डीजल के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है।
विदेश में पढ़ाई और घूमना होगा महंगाः
डॉलर महंगा होने और रुपया सस्ता होने से विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी. इसके अलावा विदेशी पर्यटन की लागत भी बढ़ सकती है. लोगों को विदेश घूमने पर ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ेगा।
पेंट, साबुन, शैंपू इंडस्ट्री पर असरः
रुपए में गिरावट बढ़ने से अगर पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हुए तो पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ साबुन, शैंपू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं।
ऑटो इंडस्ट्री की बढ़ेगी लागतः
भारी मात्रा में इम्पोर्ट होने वाले ऑटो और मशीनों के कम्पोनेंट के डॉलर पेमेंट में इजाफा हो सकता है. इसकी वजह से कंपनियों को डॉलर के मुकाबले ज्यादा रुपये देने पड़ेंगे।
माल ढुलाई होगी महंगीः
वहीं, क्रूड में अगर कोई गिरावट आती है तो भी रुपए में गिरावट से इसका असर खत्म हो सकता है. डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से महंगाई पर दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि महंगे डीजल से माल ढुलाई बढ़ने की आशंका है।
एक्सपोर्ट्स में आएगी गिरावटः
हालांकि रुपये की गिरावट से एक्सपोर्ट में आमतौर पर इजाफा होता है लेकिन मौजूदा स्थिति में शायद से संभव ना हो सके क्योंकि अमेरिका और यूरोप वैसे ही मंदी के दौर से गुजर रहे हैं जिससे वहां से एक्सपोर्ट में ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद नहीं है।