नई दिल्ली. जाकिर नाइक की वापसी के लिए मलेशिया सरकार से बात करेगा भारत. विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक की वापसी के लिए भारत मलेशिया सरकार से बात करेगा। जाकिर नाइक को पिछले महीने मलेशिया की सबसे बड़ी मस्जिद पुत्रा में देखा गया था। एक्टर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन रवीश कुमार ने कहा, “हमारी लीगल प्रॉसेस पूरी होने के करीब है और इसके पूरा होते ही हम मलेशिया की सरकार से रिक्वेस्ट करेंगे। ये अगले कुछ हफ्तों में पता लग जाएगा कि हमारी रिक्वेस्ट का नेचर क्या होगा।” बता दें कि नाइक पर युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसाने और हेट स्पीच देने का आरोप है। NIA ने नाइक के खिलाफ केस दर्ज किया है।
मलेशिया ही क्यों गया है जाकिर नाइक?
सिंगापुर के राजारत्नम स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के राशाद अली का कहना है- मलेशियाई सरकार ने जाकिर को पनाह इसलिए दी क्योंकि वो यहां के मलय मुसलमानों के बीच मशहूर है। उसके विवादित पहलुओं को ध्यान में नहीं रखा गया।
उन्होंने कहा, “अगर मलेशिया सरकार नाइक को देश से निकाल देती तो उसकी मजहबी भरोसे पर सवाल उठने लगते।”
जिस मस्जिद में जाते हैं मलेशिया के PM, वहीं दिखा नाइक
जाकिर को जिस मस्जिद पुत्रा में देखा गया, वहां मलेशिया के पीएम नजीब रजाक और उनके मंत्री भी आते हैं। उसके साथ बॉडीगार्ड और फॉलोअर भी थे। नाइक को मलेशिया की स्थायी नागरिकता (permanent residency) दी गई है। मलेशिया को मॉडर्न इस्लामिक कंट्री माना जाता है। मलेशिया में मुस्लिमों के अलावा, क्रिश्चयन, हिंदू और बौद्ध भी काफी तादाद में रहते हैं।
विवादों में क्यों घिरा?
52 साल के नाइक पर युवाओं को आतंकवाद के लिए भड़काने का आरोप है। एनआईए को उसकी तलाश है। उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। यूट्यूब पर मौजूद एक वीडियो में उसने कहा था- अगर ओसामा बिन लादेन अमेरिका को डरा रहा है- वो टेरेरिस्ट है तो सबसे बड़ा आतंकी मैं हूं। मैं ओसामा के साथ हूं।
ढाका में पिछले साल एक कैफे पर आतंकी हमला हुआ था। इसमें विदेशियों समेत 22 लोग मारे गए थे। आतंकियों के तार नाइक से जुड़ पाए गए थे। इसके बाद बांग्लादेश ने नाइक के ‘पीस टीवी चैनल’ को बैन कर दिया था।