पणजी। 8वें ब्रिक्स सम्मेलन के आधिकारिक समापन के बाद भारत-नेपाल के बीच गोवा में ही द्विपक्षीय वार्ता हुई जिसमें भारत के प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने दोनों के देशों के बीच रिश्तों को नए स्तर पर ले जाने की बात की। नेपाल ने भारत के आतंकवाद के मुद्दे पर साथ खड़े होने का वादा किया और दोनों ही देशों ने मंत्री, सचिव, बिजनेस सहित अलग-अलग स्तर की बातचीत के दौर लगातार जारी रखने की आवश्यकता को समझा। india nepal
नेपाल-भारत द्विपक्षीय वार्ता के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री से वे दूसरी बार मिल रहे है और वे चाहते हैं कि भारत-नेपाल के बीच मुलाकातों, बैठकों का दौर जारी रहे, क्योंकि भारत-नेपाल के बीच संबंधों का एक गौरवशाली इतिहास रहा है।
नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री के संविधान सुधारों को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि नेपाल का लोकतंत्र में आस्था रखना और देश के सभी समूहों को समान अधिकार देने के प्रयास करना एक अच्छा कदम है। वहीं नेपाल के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद से भारत की लड़ाई में साथ देने की अपनी बात दोहराई। नेपाल के प्रधानमंत्री ने हाल ही में होने वाली मंत्रिस्तरीय बैठक को लेकर भारत का आभार माना। प्रचंड ने भारत से जूट डंपिंग सहित कुछ आर्थिक मुददों पर ध्यान देने की गुजारिश की जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द से जल्द पूरा करने का वादा किया।
नेपाल भारत के उत्तरी भूभाग की एक लंबी सीमा बनाता है और भारत -चीन के बीच स्थित हिमालय राज्य है। भारत की तरह ही नेपाल की अधिसंख्य जनसंख्या हिंदू है। नरेंद्र मोदी के भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत-नेपाल के बीच जलविद्युत को लेकर समझौते हुए हैं। भारत नेपाल में जलविद्युत उत्पादन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीकी और आर्थिक सहयोग दे रहा है। साथ ही भारत, नेपाल से अतरिक्त जलविद्युत भी खरीदेगा। हाल के दिनों में नेपाल में आई राजनैतिक अस्थिरता के दौर में भारत- नेपाल के संबंध प्रभावित हुए थे। इसी तरह भारत, नेपाल को लेकर चीन के बढ़ते रुझान पर भी लगातार नजर बनाए हुए है। ऐसे हालात में ब्रिक्स-बिमस्टेक आउटरिच समिट के दौरान भारत-नेपाल के बीच द्विपक्षीय समझौता अहम माना जा रहा है। भारत- नेपाल बिमस्टेक, सार्क सहित कई अंतरराष्ट्रीय समूहों में साथ है।
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