प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्क कार्नी को कनाडा के प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-कनाडा साझेदारी को और मजबूत करने के लिए उनके साथ काम करने की उत्सुकता जताई है ।कार्नी ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत और कनाडा की बड़ी भूमिका की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा- “भारत और कनाडा साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, कानून के शासन की प्रतिबद्धता और जीवंत लोगों के आपसी संबंधों से बंधे हैं। मैं आपके साथ मिलकर हमारे लोगों के लिए अधिक अवसर खोलने और हमारी साझेदारी को मजबूत करने के लिए तत्पर हूं।”
कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने चुनाव पूर्व एक रैली में भारत और कनाडा के रिश्ते को ‘बहुत अहम’ बताया था। इस दौरान उन्होंने संकेत दिया था कि अगर वह दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो दोनों देशों के रिश्तों में सुधार लाने की कोशिश करेंगे।
इस साल की शुरुआत में करीब एक दशक तक कनाडा के प्रधानमंत्री रहे जस्टिन ट्रूडो के पद छोड़ने के बाद मार्क कार्नी लिबरल पार्टी के नेता चुने गए थे और प्रधानमंत्री बने थे।
कनाडा की कमान सँभालने के बाद से कार्नी ने जस्टिन ट्रुडो की अपेक्षा भारत के साथ रिश्तों में बदलाव के संकेत दिए हैं। भारत और कनाडा के रिश्तों में जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में काफ़ी तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला था। इसका असर दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों पर भी पड़ा था।
मतदान से पहले शनिवार को एक चुनावी रैली के दौरान कनाडा के एक चैनल वाई मीडिया ने जब कार्नी से सवाल किया कि सत्ता में आने के बाद भारत कनाडा के रिश्तों में सुधार के लिए वह क्या करेंगे? तो इसके जवाब में कार्नी का कहना था- “ये तो साफ़ है कि रिश्तों में तनाव है लेकिन यह हमारी वजह से नहीं है। एक दूसरे के प्रति सम्मान के साथ और इसे फिर से बनाने का आगे का रास्ता है।”
उन्होंने भारत और कनाडा के रिश्ते को कई स्तरों पर बहुत महत्वपूर्ण बताया। इनमे निजी संबंधों, आर्थिक और रणनीतिक मोर्चे पर भी उनका यही मानना है।
आगे उन्होंने कहा कि बहुत से कनाडाई हैं जिनके भारत से बहुत निजी संबंध हैं। अपने अनुभव के आधार पर उन्होंने कहा कि इस समय विश्व अर्थव्यवस्था जिस तरह हिली हुई है और नया आकार ले रही है, ऐसे में भारत और कनाडा जैसे देश बहुत बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
इस इंटरव्यू में मार्क कार्नी ने ट्रेड वॉर को नकारात्मक घटना बताया था। साथ ही वह ट्रेड वॉर से अवसर पैदा होने की भी बात करते हैं। कार्नी ने अपने जवाब में कहा था कि अगर वे प्रधानमंत्री बनते हैं तो इन अवसरों पर काम करेंगे।
मतदान के ठीक पहले आने वाले इस बयान को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कार्नी की सरकार का भारत के साथ रिश्ते को लेकर एक साफ रुख़ पेश करता नजरिया है।