नीट परीक्षा विवाद मामले में कल सुप्रीम कोर्ट ने अपना रुख साफ कर दिया। कोर्ट का कहना है कि धोखाधड़ी करके डॉक्टर बनने वाला व्यक्ति बहुत खतरनाक होता है। मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट में बीते दिन नीट यूजी मामले में ग्रेस मार्क्स से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। इस सम्बन्ध में कोर्ट का कहना है कि अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए।
इस मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होनी है। कल की सुनवाई में कोर्ट ने कहा कि बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, उनकी मेहनत को नहीं भूला जा सकता। अदालत ने एनटीए से कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है।
कोर्ट ने कहा- ‘अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते। कोर्ट ने एनटीए से कहा कि कल्पना कीजिए कि सिस्टम के साथ धोखाधड़ी करने वाला व्यक्ति डॉक्टर बन जाता है, वह समाज के लिए और भी ज्यादा खतरनाक है।
अब सभी छात्रों के इम्तिहान के नतीजे बिना ग्रेस मार्क्स के जारी किए जाएंगे। इसके अलावा ये बच्चे फिर से परीक्षा भी दे सकते हैं। बताते चलें कि फिजिक्सवाला के को फाउंडर अलख पांडेय ने बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस मामले में 13 जून को हुई सुनवाई में एनटीए ने 1563 बच्चों के ग्रेस मार्क्स रद्द किये जाने का भी आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि इस वर्ष की नीट परीक्षा 5 मई को हुई जिसमे 23 लाख 30 हजार बच्चे शामिल हुए। परीक्षा का नतीजा 4 जून को आय जिसमे 67 स्टूडेंट्स को पूरे 720 मार्क्स दिए गए।
नीट परीक्षा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब इतने बच्चों ने टॉप किया। इस पर बच्चों ने तर्क के साथ सवाल उठाए। साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों से पेपर लीक की भी ख़बरें सामने आईं। पड़ताल के बाद बिहार और गुजरात से गिरफ्तारियां भी की गईं।