इसी तरह गोर्बाचोफ़ और हेलमुट कोह्ल भी थे जिनसे मैं बहुत प्रभावित भी था और प्रेरित भी, यह सब ऐसे लोग थे जो पूरी निडरता के साथ किसी भी विषय पर दो टूक बोला करते थे। लेकिन जब मैं आयतुल्लाह ख़ामेनई से मिला तो मुझे लगा कि आज तक मैंने इनके जैसा किसी को नहीं देखा, आपके आध्यात्मिक व्यक्तित्व ने मुझे ऐसा प्रभावित किया कि मैं ख़ुद अपने आप से कहने लगा कि तुम संयुक्त राष्ट्र के इस उच्च पद पर क्या कर रहे हो तुम्हारे पास तो थोडा सा भी आध्यात्मिक व्यक्तित्व नहीं है,
मैं आयतुल्लाह ख़ामेनई से इतना अधिक प्रभावित हुआ कि उनको देखते ही पहले वालों का प्रभाव ख़त्म हो गया, मैंने दुनिया में आध्यात्मिक व्यक्तित्व वाले लोगों को बहुत देखा लेकिन उनमें से किसी में भी राजनीतिक सूझ बूझ नहीं देखी, आयतुल्लाह ख़ामेनई को देखने के बाद मेरे दिमाग़ से पहले वालों के लिए वह जगह नहीं रही, मुझे नहीं लगता कि मैं संयुक्त राष्ट्र जाने के बाद भी उनको भूल पाऊंगा।