इस मुलाक़ात में ईरानी सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनई ने रूस के टूटने से पहले और बाद के इतिहास की ओर इशारा किया और यह सारी बातें रूस के राष्ट्रपति के लिए नई थीं, मुलाक़ात के बाद राजनयिक अधिकारियों के अनुसार पुतिन का बर्ताव काफ़ी बदल गया था, रूसी विदेश मंत्री साथ में होने के बावजूद उन्होंने ख़ुद ईरानी विदेश मंत्री को रूस आने का निमंत्रण दिया ताकि कुछ राजनीतिक मुद्दों पर बातें कर सकें।
रूस वापसी के बाद वहां की प्रेस कांफ़्रेंस में जब रिपोर्टर ने आयतुल्लाह ख़ामनेई से मुलाक़ात को लेकर सवाल किया तो पुतिन का कहना था कि मैं ने हज़रत मसीह (ईसा अ.स.) को नहीं देखा लेकिन उनकी तारीफ़ और विशेषताओं को इंजील में पढ़ा है जो मैंने ईरान में आयतुल्लाह ख़ामेनई के वजूद और उनके नेतृत्व में देखा है।