आईआईटी बॉम्बे ने छात्रों से एक विशेष आग्रह कहा है कि वह अपने साथियों से कोई भी ऐसी जानकारी न मांगे जिससे उनकी जाति का पता चले।
इसके अलावा संस्थान ने छात्रों से अपने सहपाठियों को खेल और संगीत से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करने का भी अनुरोध किया है।
संस्थान द्वारा यह भेदभाव विरोधी दिशा निर्देश बीटेक (केमिकल) के प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के एक महीने बाद जारी किया गया है। छात्रों के बीच दिशानिर्देश को साझा करने के साथ अधिकारियों ने इस पोस्टर को परिसर के विभिन्न स्थानों पर भी चिपकाया है।
दिशानिर्देश के मुताबिक़ किसी भी छात्र से उसकी जाति, एडमिशन या वर्ग के बारे में सवाल करना अनुचित है। इसके अलावा अन्य छात्रों से उनके जेईई एडवांस्ड का रैंक अथवा जीएटीई का स्कोर पूछना भी अनुचित है।
29 जुलाई को संस्थान की तरफ से जारी किए गए दिशानिर्देश के मुताबिक़ रैंक पूछना जाती की जानकारी लेने का प्रयास भी हो सकता है।
दिशानिर्देश के तहत अपमानजनक, घृणित या जातिवाद चुटकुलों पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए गए। इन दिशानिर्देश के नियमों का उल्लंगन करने वालों के खिलाफ गंभीर सजा की भी बात कही हैं।
IIT-बॉम्बे ने छात्रों के बीच जातिगत भेदभाव को रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की: संस्थान के पवई परिसर में लगाए गए पोस्टर, जातिवादी चुटकुलों पर भी रोक#IITBombay https://t.co/cCvOeARLNz pic.twitter.com/GYmlWzAeEL
— Dainik Bhaskar (@DainikBhaskar) August 1, 2023
आईआईटी बॉम्बे का कहना है कि प्रत्येक वर्ष अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों के लिए ओरिएंटेशन सत्र में विभिन्न संस्थान ने हमेशा ज़ीरो टॉलेरेंस नीति का पालन किया है। आईआईटी बॉम्बे भी इस नीति को अपनाता है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद के रहने वाले सोलंकी ने 12 फरवरी को आईआईटी बॉम्बे परिसर की सातवीं मंज़िल से कूदकर जान दे दी थी।
इस मामले में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज की गई चार्जशीट से मिली जानकारी के अनुसार सोलंकी ने अपनी मां से संस्थान में हो रहे जाति आधारित भेदभाव के बारे में बताया था। उन्होंने अपनी मां को फोन में यह भी बताया था कि उनकी जाति के बारे में मालूम होने पर कुछ साथियों का व्यवाहवार उनके प्रति बदल गया था।