पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद आइएएस अधिकारियों में उबाल है। आइएएस एसोसिएशन अब आर-पार की लड़ाई के मूड में है। Ias
एसोसिएशन ने रविवार को एक आपात बैठक कर सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के तरीके पर नाराजगी जताते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच की मांग की है।
एसोसिएशन यहीं नहीं रुका। सौ से अधिक आइएएस अफसरों ने राजभवन के सामने मानव शृंखला बना कर विरोध जताया तथा राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।
राज्यपाल से मांग की गई है कि इस पूरे प्रकरण की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी सीबीआइ से कराई जाए।
एसोसिएशन ने यह फैसला भी लिया है कि सरकार के किसी भी मौखिक आदेश का पालन नहीं किया जाएगा, चाहे आदेश मुख्यमंत्री का ही क्यों न हो। लिखित आदेश मिलने के बाद ही अफसर उस पर काम करेंगे।
रविवार को आइएएस भवन में हुई बैठक में एसोसिएशन सदस्यों ने तय किया कि वे सरकार द्वारा दी गई जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे, लेकिन विरोध जताने के लिए बांह पर काली पट्टी लगाएंगे।
संघ ने यह फैसला भी किया है कि भविष्य में कोई भी आइएएस अफसर बिहार कर्मचारी चयन आयोग, बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद तथा तकनीकी सेवा बहाली बोर्ड में कोई पद स्वीकार नहीं करेगा।
एसोसिएशन का कहना है कि जिस तरह से पूरे मामले में सुधीर कुमार और उनके परिवार को फंसाया गया है उससे साफ होता है कि सुधीर कुमार और उनके परिजनों को एसआइटी द्वारा टारगेट किया जा रहा है।
मीडिया में खबरें हैं कि सुधीर कुमार को हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया जबकि एसआइटी की रिपोर्ट बताती है कि उन्हें वेटेनरी कॉलेज के पास उनके आवास से गिरफ्तार किया गया।
एसोसिएशन ने मांग की है कि सुधीर कुमार को तत्काल रिहा किया जाए। संघ ने यह फैसला भी किया है कि एक प्रतिनिधि मंडल सुधीर कुमार से मुलाकात करेगा और अपनी एकजुटता प्रदर्शित करेगा साथ ही कानून लड़ाई में जो भी खर्च आएगा उसका वहन एसोसिएशन द्वारा किया जाएगा।
बैठक के दौरान एसोसिएशन ने अजय वी नायक व अन्य अफसरों की प्रोन्नति का मसला भी उठाया। संघ ने मांग की कि मुख्य चुनाव अधिकारी अजय वी नायक को तत्काल प्रभाव से शीर्ष वेतनमान में प्रोन्नत किया जाए।
बैठक के बाद आइएएस एसोसिएशन ने राजभवन पहुंच कर यहां अपना विरोध जताया। सौ से अधिक आइएएस अफसरों ने राजभवन के बाहर मानव शृंखला बनाई तथा सुधीर कुमार के साथ न्याय की मांग उठाई।
बाद में पांच अधिकारियों के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें पूरे प्रकरण का ज्ञापन सौंपा तथा कहा कि इस प्रकार के माहौल में अधिकारी अपनी डयूटी करने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।