गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों के संबंधी लम्बे समय से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं। बंधकों के रिश्तेदारों की मांग है कि प्रधानमंत्री उनसे मिलें और उनके प्रियजनों को मुक्त कराने के लिए बंधक समझौते पर काम करें।
स्थानीय पत्र ‘द टाइम्स ऑफ इजरायल’ की एक खबर के मुताबिक़ यह प्रोटेस्ट नेतन्याहू और उनकी सरकार की ओर से लेबनान में हिजबुल्लाह के साथ युद्ध विराम को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद हुआ। बताते चलें कि लेबनान में इजरायल और हिजबुल्लाह के मध्य युद्ध विराम बुधवार की सुबह हुआ है।
अमरीकी -इजरायली बंधकों के सात बचे हुए परिवारों ने एक संयुक्त बयान में कहा- “हम लेबनान में इस युद्धविराम समझौते से उत्साहित हैं, हम खुद से पूछते हैं, हमारे बच्चे, माता-पिता, बहनें और भाई कब घर लौटेंगे? हम अपनी मेज पर उनकी कुर्सियों को हमेशा के लिए खाली नहीं रहने दे सकते।”
इस समझौते के बाद से इज़रायली बंधकों के संबंधियों की मांग बढ़ती जा रही है। एली अलबाग की छोटी बेटी लिरी पिछले 7 अक्टूबर से हमास की क़ैद में है। उनका कहना है कि जिस तरह नेतन्याहू लेबनान में लड़ाई समाप्त करने के लिए समझौता करने में सफल रहे, ऐसा ही उन्हें गाजा में भी करना चाहिए। उनके मुताबिक़ अगर नेतन्याहू चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने दिल से विनती के साथ अपनी बात रखी है।
इन सदस्यों के बयान में आगे कहा गया-“हम नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप से अपील करते हैं कि वे राष्ट्रपति बाइडेन और उनके प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें ताकि सात अमरीकियों- ओमर न्यूट्रा, एडन अलेक्जेंडर, जूडी वेनस्टीन, गैड हाग्गई, कीथ सीगल, सगुई डेकेल-चेन और इते चेन और अतिरिक्त 94 बंधकों को तुरंत घर लाया जा सके।”
इससे पहले अमरीका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता से इजरायल-हमास युद्ध को रोकने और बंधकों को वापस लाने के लिए किए गए कई प्रयास विफल हो गए हैं।
हमास चाहता है कि हजारों फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की मांग पूरी की जाए। हमास युद्ध की समाप्ति और सभी आईडीएफ बलों को वापस बुलाने की कोशिश कर रहा है जबकि दूसरी तरफ नेतन्याहू ने ये शर्तें खारिज कर दी हैं।
बताते चलें कि 7 अक्टूबर को इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था। इस हमले में हमास के करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। जवाब में गाजा में इजरायली हमलों से बड़े पैमाने पर तबाही हुई और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।