अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने स्पेन के बारसिलोना में हुए घातक आतंकवादी हमले के कुछ घंटे बाद मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपने नफ़रत भरे बयान में कहा कि कुछ मुसलमानों को सूअर के ख़ून में भीगी गोलियों से भून देना चाहिए।
ट्रम्प ने गुरुवार को ट्वीट में कहा, “पढ़िये अमरीकी जनरल पर्शिन्ग ने पकड़े गए आतंकियों के साथ क्या किया था। उसके बाद 25 साल तक रेडिकल इस्लामी आतंक ख़त्म हो गया था।”
ट्रम्प ने अपने ट्वीट में फ़िलिपीन में 1899 से 1913 के बीच मोरो विद्रोह के दौरान मुसलमान क़ैदियों के साथ जनरल जॉन पर्शिन्ग के व्यवहार के बारे में संदिग्ध कहानी का हवाला दिया।
2016 के चुनाव अभियान के दौरान ट्रम्प आए दिन कहा करते थे कि किस तरह पर्शिन्ग ने फ़िलिपीन में मोरो मुस्लिम बंदियों को सूअर के ख़ून में डूबी गोलियों से भूना ताकि अमरीकी शासन के ख़िलाफ़ विद्रोह दब जाए।
1899 से 1902 के बीच अमरीका-फ़िलिपीन जंग के दौरान फ़िलिपीन में अमरीकी सैनिक
पिछले साल फ़रवरी में चार्ल्सटन में ट्रम्प ने कहा था, “पर्शिन्ग ने 50 गोलियां लीं और उन्हें सूअर के ख़ून में डुबोया। उसके बाद उन्होंने अपने साथियों से कहा कि उनकी राइफ़ल को गोली से लोड करो और फिर उन्होंने 50 लोगों को लाइन में खड़ा किया और उनमें से 49 को गोली मार दी और फिर 50वें आदमी से कहा कि तुम अपने साथियों के बीच जाओ और उन्हें बताओ कि क्या हुआ और इस तरह 25 साल तक कोई मुश्किल नहीं हुयी।”
कुछ इतिहासकार ट्रम्प के इस बयान को झूठ पर आधारित बताते हैं। उनका कहना है कि ऐसा पर्शिन्ग के चरित्र से मेल नहीं खाता। लेकिन कुछ इतिहासकारों का कहना है कि बीसवीं शताब्दी के शुरु में फ़िलिपीन में तनाव के दौरान मुसलमानों को डराने के लिए अमरीकी सैनिकों ने सूअर या सूअर के ख़ून को इस्तेमाल किया था। )