प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में चेस ओलंपियाड की मशाल की शुरूआत की। ये मशाल उन्होंने पांच बार विश्व चैंपियन रहे विश्वनाथन आनंद को सौंपी।
इन खेलों के माध्यम से 2024 के पेरिस ओलंपिक और 2028 लॉस एंजेल्स ओलंपिक को लक्ष्य बनाकर काम किया जा रहा है। 75 शहरों से होते हुए यह मशाल देश के महाबलीपुरम पहुंचेगी। 28 जुलाई से यहाँ 44वें चेस ओलंपियाड का आयोजन हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने मशाल सौंपते हुए कहा कि उन्हें गर्व है कि शतरंज के इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय इवेंट को उसके जन्म स्थान में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि खेलो इंडिया के माध्यम से प्रतिभाओं को न सिर्फ तलाशा जा रहा है बल्कि तराशा भी जा रहा है।
प्रधानमंत्री को फिडे अध्यक्ष अर्केडी ड्वारकोविच ने मशाल थमाई। इस मौके पर पीएम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि फिडे चेस ओलंपियाड की मशाल की शुरूआत भारत से की।
समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें आशा है कि इस बार भारतीय टीम पदक केनए रिकार्ड बनाएगी। पीएम ने कहा कि देश ने कुश्ती, मलखंब जैसे खेल शारीरिक विकास के लिए दिए तो मानसिक विकास के लिए चतुरंग जैसे खेलों का अविष्कार किया।
पेरिस ओलंपिक 2024 तथा 2028 में लॉस एंजेल्स में होने वाले ओलंपिक को लक्ष्य बनाकर काम हो रहा है। देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं। युवाओं में भरपूर साहस है। खेलो इंडिया इन प्रतिभाओं को खुद तलाश रहा है और तराश रहा है। गांव, आदवासी क्षेत्रों से प्रतिभाएं चयनित की गई हैं। नई शिक्षा नीति में दूसरे विषयों की तरह खेलों को प्रमुखता दी गई है। नई स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी खोली जा रही हैं।