नई दिल्ली, गुजरात विधानसभा चुनाव के मतदान कार्यक्रम की घोषणा आज सम्भव. PM नरेंद्र मोदी के ताबड़तोड़ गुजरात दौरे के समापन के साथ ही ऐसी खबरें आ रही हैं कि निर्वाचन आयोग आज को गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है. आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक मुमकिन है कि आज शाम तक गुजरात में चुनावी कार्यक्रम का एलान हो जाए.
हिमाचल प्रदेश के चुनावी कार्यक्रम का एलान करते वक्त भी मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती ने कहा था कि गुजरात के चुनाव की तिथियां भी जल्द घोषित होंगी. हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों की मतगणना एकसाथ 18 दिसंबर को होनी है. आयोग ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तिथि 9 नवंबर घोषित कर दी थी, लेकिन गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित न करने को लेकर आयोग की मंशा पर भी सवालिया निगाहें उठी थीं.
कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया था कि 16 अक्टूबर को अहमदाबाद में होने वाली पीएम मोदी की चुनावी रैली का इंतजार क्या आयोग को भी है? हिमाचल चुनाव के एलान के दौरान भी आजतक ने मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती से पूछा था कि गुजरात चुनाव का एलान न करने के पीछे क्या वजह है? CEC जोती का जवाब सबसे पहले तो सुप्रीम कोर्ट के हवाले से था कि 85 दिन का समय चुनाव का एलान और मतदान के दिन के अंतराल के लिए काफी है, और गुजरात विधानसभा की अवधि तो जनवरी में खत्म होगी. रही बात हिमाचल के चुनाव जल्द कराने की तो वहां कुछ जिलों में नवंबर मध्य के बाद बर्फबारी की वजह से मौसम बिगड़ जाता है, तो मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते.
इस जवाब से सबके चेहरों पर बात हजम न हो पाने के भाव भांपने के बाद जब सवाल दूसरी बार पूछा गया तो एके जोती ने जवाब भी बदल दिया. अबकी उनकी दलील थी कि गुजरात में पिछले महीने आई बाढ़ से कई जिलों में लोग बेघर हैं, गांव बह गए हैं, लोग अस्थाई ठिकानों पर रह रहे हैं. उनकी पहचान में वक्त भी लगेगा. इसलिए गुजरात सरकार ने थोड़ी मोहलत मांगी है.
अब आयोग ने इस सवाल का माकूल जवाब भी सोच ही लिया होगा कि रूपानी सरकार ने 10 दिनों में ही जादू की कौन सी छड़ी घुमाकर ये सारे काम कर लिए?
हालांकि लोग तो आयोग की मंशा पर दबी जबान से बोलते रहे पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आयोग पर यह तंज भी कसा कि आयोग ने गुजरात के चुनाव की तारीखें घोषित करने की जिम्मेदारी पीएम मोदी को ही दे दी है.
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 7 जनवरी को खत्म हो रहा है, जबकि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 22 जनवरी को खत्म हो रहा है. फिलहाल आयोग द्वारा 15 दिन के अंतराल पर ही गुजरात विधानसभा के चुनाव के कार्यक्रम का एलान की अलग से कवायद अपने स्वायत्त और स्वतंत्र संवैधानिक ढांचे पर उंगलियां उठाने का मौका तो देगा ही.
गौरतलब है कि PM मोदी भी आज वडोदरा में जनसभा के दौरान निर्वाचन आयोग का बचाव करते नजर आए. उन्होंने उल्टे कांग्रेस सहित विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे दिवाली पर वडोदरा आने पर लोगों के पेट में दर्द हो रहा है. मुझे तो कुछ कह नहीं सकते इसलिए चुनाव आयोग पर दबाव बना रहे हैं. लेकिन मैं उनको कहना चाहता हूं कि उनको इलेक्शन कमिशन पर अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है.
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