जी 7 देशों ने रूसी तेल पर अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। विकसित अर्थव्यववस्थाओं वाले जी-7 देशों के नेताओं ने रूस से तेल के आयात को बंद करने का संकल्प लिया। इस समूह के नेताओं ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बात करने के बाद उन्हें अपना समर्थन दिया।
जी 7 देशों के समूह – फ्रांस, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यह नहीं बताया कि वे कैसे रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता खत्म करेंगे। लेकिन रूस की अर्थव्यवस्था को पंगु बनाकर पुतिन पर दबाव बनाने के लिए चल रहे अभियान में यह एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। साथ ही इसे रूस के हमले के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की एकता की नजर से देखा जा रहा है।
व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह कदम पुतिन की अर्थव्यवस्था की मुख्य ताकत पर कड़ा प्रहार करेगा और उन्हें अपने युद्ध के लिए जरूरी पैसों की कमी से जूझने पर मजबूर करेगा।
नाजी जर्मनी के 1945 में आत्मसमर्पण के अवसर पर मनाए जानेवाले यूरोप विजय दिवस पर पश्चिमी देशों ने एकजुटता का प्रदर्शन किया। जी 7 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, फ्रांस, इटली और जापान शामिल हैं।
जी 7 की ओर से एक बयान में कहा कि रूस के तेल की आपूर्ति को रोकने से ‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुख्य औजार को तगड़ा झटका लगेगा और युद्ध लड़ने के लिए धन खत्म हो जाएगा।’’