कासगंज में तिरंगा यात्रा के दौरान हुए हमले को लेकर रविवार को जीपीओ पर लोगों ने मानव शृंखला तैयार की। मानव शृंखला बनाने का उद्देश्य शांति और सौहार्द बनाए रखना था। इस मौके पर लगभग 800 से 1000 नागरिकों ने एकत्रित होकर गांधी प्रतिमा से लेकर जीपीओ गेट तक शृंखला बनाई।
आसिफ खान ने बताया कि यह मानव शृंखला किसी विशेष जाति, धर्म के लिए नहीं, बल्कि इसका उद्देश्य है कि ऐसा किसी भी जाति धर्म के लोगों के साथ न हो। इसके लिए रविवार को सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर अपनी सहमति जताई। मानव शृंखला में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार हुसैन अफ़सर (एडिटर : संडे आग), प्रदीप कपूर, रुबीना जावेद मुर्तज़ा, उबेदुल्लाह नासिर, सरवर हुसैन, माधवी कुकरेजा, रूप रेखा वर्मा, रमेश दीक्षित, डॉ. संतोष, इकबाल किदवई और सुजीत के साथ कई जागरूक नागिरक मौजूद थे।
कासगंज और उसी तरह की कई और धार्मिक उन्माद की घटनाओं से भारत की अनूठी भाईचारे और ‘अनेकता में एकता’ की सभ्यता को ठेस पहुंची है. नफरतों को थामने और बांटे जाने से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम एक साथ, कंधे से कन्धा मिला कर ये पैग़ाम दें कि हम एक हैं.
इस लिए आज ११ फरवरी सुबह 11.30 बजे हम सबने मिलकर यहाँ गाँधी प्रतिमा, GPO, से लेकर उत्तर प्रदेश विधान सभा के बीच एक मानव श्रंखला बनाई और एकता और भाई चारे का पैग़ाम दिया, कासगंज और उसी तरह की कई और धार्मिक उन्माद की घटनाओं से भारत की अनूठी भाईचारे और ‘अनेकता में एकता’ की सभ्यता को ठेस पहुंची है. नफरतों को थामने और बांटे जाने से बचने के लिए ज़रूरी है कि हम एक साथ, कंधे से कन्धा मिला कर रहे और ये पैग़ाम आम करे कि हम एक हैं.