पणजी : शनिवार यानी 4 फरवरी को गोवा के सियासी भविष्य का भी फैसला होना है. छोटा राज्य होने के बावजूद चुनावी पंडितों की नजर यहां की चुनावी जंग पर है. Goa
ऐसा इसलिए क्योंकि चुनाव बीजेपी खासकर रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के लिए नाक का सवाल हैं.
आम आदमी पार्टी के अलावा कई हिंदुत्ववादी पार्टियों ने यहां बीजेपी के लिए जीत की राह मुश्किल बना दी है.
शनिवार को विधानसभा की कुल 40 सीटों के लिए राज्य के 11,10,884 मतदाता वोट डालेंगे.
इनमें 5,46,742 पुरुष और 5,64,142 महिला वोटर हैं. यानी गोवा उन चुनिंदा राज्यों में से एक है जहां सत्ता की चाबी महिला वोटरों के हाथ में है. कुल 1,642 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे.
इस बार कुल 251 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें से 19 महिला उम्मीदवार हैं. सबसे ज्यादा 12 प्रत्याशी वेलिम सीट पर लड़ रहे हैं. केलनगुटे सीट पर सिर्फ 3 ही उम्मीदवार हैं. आम आदमी पार्टी 39 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.
बीजेपी ने 36 प्रत्याशियों पर दांव लगाया है, कांग्रेस के कुल 37 उम्मीदवार मैदान में हैं. एमजीपी 25 सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि एनसीपी ने 17 सीटों पर प्रत्याशियों को टिकट दिया है. इसके अलावा 58 आजाद उम्मीदवार भी टक्कर दे रहे हैं. इस बार सभी 40 सीटों पर ई-बैलेट की सुविधा दी गई है.
इस बार गोवा में चुनाव आयोग ने सिर्फ महिला पर्यवेक्षकों को चुनाव की निगरानी के लिए तैनात किया है. पिछले चुनावों में शिकायतें मिलती रहती थीं कि पुरुष पर्यवेक्षक ड्यूटी छोड़कर कैसिनो, बार और बीच घूमने की ओर ज्यादा ध्यान देते थे.
देश के सबसे खूबसूरत राज्यों में शुमार गोवा में भी इस दफा मुकाबला दिलचस्प है.
ज्यादातर चुनावी पंडित इस बार यहां बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच टक्कर की भविष्यवाणी कर रहे हैं लेकिन मौजूदा विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भी खारिज नहीं किया जा सकता. इनके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, शिवसेना
सत्ताधारी बीजेपी को इस बार एंटी-इंकबेंसी से जूझना पड़ रहा है. पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर की साफ छवि से उम्मीदें लगाए बैठी है.
हालांकि पार्टी ने सीधे तौर पर सीएम उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है. इससे इतर आम आदमी पार्टी ने एल्विस गोम्स को सीएम कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतारा है.
नोटबंदी से पर्यटन पर पड़ा असर इस चुनाव के सबसे अहम मुद्दों में से एक है. इससे निपटने के लिए बीजेपी ने विकास का मुद्दा बनाया है.
पार्टी ने राज्य में पर्यटन के विकास के लिए 15 हजार करोड़ के निवेश का आश्वासन दिया है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने राज्य के निवेश बोर्ड की समीक्षा का वायदा किया है.
इंडिया टुडे-एक्सिस सर्वे के मुताबिक बीजेपी 22-25 सीटें जीतकर दोबारा सरकार बना सकती है. जबकि कांग्रेस के खाते में 12-14 सीटें आ सकती हैं. वहीं, आम आदमी पार्टी के खाते में 2 सीटें आने का अनुमान है.