दुनिया हर दिन बढ़ती गर्मी का सामना कर रही है और इससे जुड़ी रिपोर्ट्स और ज़्यादा गर्मी के बढ़ने के संकेत दे रही हैं। ऐसी ही एक और रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि ग्लोबल वार्मिंग धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर सामने आया है।
डीएसटी के महामना सेंटर आफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज रिसर्च के विश्लेषण में ये खुलासा किया गया है कि 2040 तक देश के कई शहरों में गर्मी 4 से 10 गुना तक बढ़ सकती है।
टेक्नोलॉजी ने जहाँ विकास की सीढ़ियां चढ़ाई हैं वहीँ इसका खामियाज़ा पर्यावरण ने भुगता है। हर दिन बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन ने दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग को इस समय का सबसे बड़ा और खतरनाक मुद्दा बना दिया है।
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर ऐसे ही दुनिया भर में कार्बन उत्सर्जन होता रहा, तो यह धरती को एक धधकती हुई भट्टी में बदल देगा। उस दुनिया में मानव सभ्यता के लिए सर्वाइवल मुश्किल हो जायेगा।
#Heatwave intensity set to spike, new hot spots likely: Govt study
(Reports @soumya_pillai)https://t.co/igUANhERvu pic.twitter.com/B9cSvKiRrp
— Hindustan Times (@htTweets) October 25, 2023
डीएसटी के महामना सेंटर आफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज रिसर्च से पता चलता है कि 2040 तक कार्बन उत्सर्जन पर लगाम लगाने की लगातार कोशिशें भी इस समस्या को समाप्त करने में कारगर नहीं होगी।
रिसर्च के अनुसार इन तमाम कोशिशों के बावजूद भी 4 से 7 गुना गर्मी बढ़ने का अनुमान है और इन प्रयासों के असफल होने की दशा में ये गर्मी 5 से 10 गुना बढ़ सकती है।
गौरतलब है कि 1961 से 2021 के मध्य जलवायु में बड़े बदलाव के नतीजे में भारत में गर्मी के दौरान चलने वाली हीट वेव की अवधि में ढाई दिनों का इज़ाफ़ा हुआ है। वर्ष 2060 तक इसके और अधिक बढ़ने का अनुमान है।