क़तर की जेल में क़ैद आठ पूर्व भारतीय नौसैनिक रिहा होने के साथ भारत आ चुके हैं। इनकी रिहाई की जानकारी विदेश मंत्रालय से जारी प्रेस रिलीज़ द्वारा दी गई है।
यह भारतीय पूर्व सैनिक अगस्त 2022 में क़तर में गिरफ़्तार किये गए थे। गिरफ़्तारी का कारण सार्वजनिक नहीं किया गया था। लेकिन रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक़ इन पूर्व अधिकारियों पर इज़राइल के लिए काम करने का आरोप था।
विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी में कहा गया है- “भारत सरकार उन आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है जो दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम कर रहे थे और जो क़तर में हिरासत में थे।”
क़तर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी हुए रिहा, सात भारत भी लौटे https://t.co/8brelJeJ8t
— BBC News Hindi (@BBCHindi) February 12, 2024
जानकारी में आगे इस बात का भी खुलासा होता है कि आठ में से सात भारत लौट चुके हैं। इन आठ भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी के चलते दोनों देशों के मध्य कूटनीतिक तनाव भी बढ़ने लगा था।
इससे पहले भारत सरकार की तरफ से इन भारतियों को दी जाने वाली मौत की सज़ा के ख़िलाफ़ दोहा में अपील दायर की गई थी। जिसके जवाब में क़तर की तरफ से इन भारतीय नागरिकों की फांसी की सज़ा को वापस ले लिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़ इस बात के संकेत मिल रहे थे कि क़तर इन आठ पूर्व सैनिकों को रमज़ान या ईद से पहले रिहा कर सकता है।
रिपोर्ट से मिली जानकारी से पता चलता है कि क़तर की जेलों में अभी भी तक़रीबन 750 भारतीय क़ैद हैं। रिहा होने वाले ये आठ भारतीय दाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टिंग सर्विसेज़ में काम करते थे। इन पर दोहा में काम कर रहे एक सबमरीन प्रोजेक्ट की संवेदनशील जानकारियाँ इज़राइल से साझा करने का आरोप है।
अगस्त 2022 में गिरफ़्तार किये गए भारतीयों में कमांडर (रिटायर्ड) पूर्नेंदु तिवारी, कैप्टन (रिटायर्ड) नवतेज सिंह गिल, कमांडर (रिटायर्ड) बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर (रिटायर्ड) अमित नागपाल, कैप्टन (रिटायर्ड) सौरभ वशिष्ठ, कमांडर (रिटायर्ड) सुग्नाकर पकाला, कमांडर (रिटायर्ड) संजीव गुप्ता, और सेलर रागेश शामिल थे।